सत्ता पक्ष को बाजी मारते देख चौकान्नी हुई समाजवादी पार्टी
लेकिन कुछ प्रश्न अभी भी है अनुत्तारित
लखनऊ/गोण्डा। मुस्लिम समुदाय के धर्मगुरु द्वारा सांसद और सपा मुखिया डिम्पल यादव पर की गईं अशोभनीय टिप्पणी पर हफ्तों खामोश रहीं समाजवादी पार्टी आखिर जाग ही गईं, लेकिन सत्ता पक्ष द्वारा मामले पर किये गए विरोध के बाद, हालांकि प्रकरण ने समाजवादी पार्टी के सामने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है की जो पार्टी अपने नेता पर किये गए इतने अशोभनीय टिप्पणी पर खामोश है वो सत्ता में आने पर प्रदेश की महिलाओं को किस तरह से संरक्षित कर पायेगी।
ज्ञात हो की पिछले सप्ताह मौलाना रशीदी ने सपा सांसद डिम्पल यादव के वस्त्रों पर गंभीर टिप्पणी करते हुए उन्हें नंगा तक बता दिया था लेकिन मुस्लिम वोटों के प्रति अपनी वफ़ादारी दिखाते हुए पूरी समाजवादी पार्टी इस मुद्दे को पूरी तरह डकारती रहीं, यही नहीं ज़ब मीडिया द्वारा इसपर सपा मुखिया से सवाल किया गया तो उन्होंने भी अंट शंट जवाब देकर सवाल को टाल दिया।
दो दिन पूर्व संसद भवन पर ज़ब एन डी ए सांसदों ने डिम्पल पर की गईं टिप्पणी को लेकर ज़ब प्रदर्शन किया तब अखिलेश को लगा की कही ये मुद्दा उनपर भारी न पड़ जाये तब जाकर पार्टी ने मौलाना रशीदी पर मुकदमा दर्ज कराये जाने का निर्णय लिया लेकिन यहाँ भी वो अपने को बचाते ही दिखाई दिए क्योंकि मुकदमा पार्टी की ओर से न होकर सपा की महिला मोर्चा को दर्ज कराया जा रहा है।
कल यानी 28 जुलाई को पार्टी की महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष जूही सिंह ने थाना गोमतीनगर में शिकायती पत्र दिया और आज महिला मोर्चा की राष्ट्रीय महासचिव प्रतिभा सिंह ने गोण्डा कोतवाली में मुकदमा दर्ज किये जाने का पत्र दिया।
जानकारों की माने रो ये सारी क़वायद मात्र सपा इसलिए कर रही है की जनता में बन रहीं महिला विरोधी छवि से बचा जा सकें, पार्टी बस दिखावे के लिए ये मुक़दमे दर्ज करा रही है, अब सपा अपने इस मकसद में कितनी सफल हो पाती है ये तो समय बताएगा लेकिन जनता विशेषकर महिलाओं में ये सन्देश जरूर चला गया है की जो पार्टी और उसका मुखिया अपनी पत्नी और सांसद पर एक मौलाना द्वारा किये गए इतने कुत्सित टिप्पणी पर खामोश ही नहीं बल्कि उल्टे उसे क्लींन चिट दे रहा हो यदि वह सत्ता में आ गया तो प्रदेश की महिलाओं पर हुए किसी भी अपराध या अत्याचार पर किस तरह एक्शन लेगा।