रोने की आवाज सुन मौक़े पर पहुंचे ग्रामीण, ताला खुलवाकर निकाला बाहर
बी एस ए ने ए बी एस ए को सौपी जाँच
औरैया। गनीमत तो ये रही की मासूम की चीख और चिल्लाहट की आवाज ग्रामीणों तक पहुँच गईं और उन्होंने समय रहते बच्ची को बाहर निकाल लिया नहीं तो होने वाले किसी अनिष्ट की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता और इस अनिष्ट की सम्भावना इस लिए बनी की सैकड़ो मासूमों की जिम्मेदारी संभाले विद्यालय के शिक्षकों ने घोर लापरवाही का प्रदर्शन करते हुए 4 वर्षीय मासूम को कक्षा ने बंद कर अपने घर चले गए थे, हालांकि मामले की जाँच के आदेश दे दिए गए हैं।
हैरान करने वाली ये घटना जिले के अक्षल्दा क्षेत्र के कांन्हो गाँव स्थित कंपोजिट विद्यालय का है, जानकारी के अनुसार यहाँ अन्य बच्चों के साथ 4 वर्ष की मासूम तन्नू भी पढ़ने आती है, लापरवाही की हद तो तब हुई ज़ब विद्यालय का समय समाप्त होने पर शिक्षकों ने कक्षा में ताला लगाया और घर चले गए, उन्होंने ये जानने या देखने की जरा भी जहमत नहीं उठाई की कोई बच्चा कक्षा में रह तो नहीं गया।
विद्यालय बंद होने के कुछ देर बाद विद्यालय के पास रहने वाले कुछ ग्रामीणों को किसी बच्ची के रोने की आवाज आई, ज़ब आवाज काफ़ी देर तक आती रही तो ग्रामीणों ने ये जानने का निर्णय लिया की बच्चा क्यों और कहाँ इतनी देर से रो रहा है, ढूंढ़ते ढूंढ़ते ज़ब ग्रामीण विद्यालय पहुंचे तो उन्होंने जो दृश्य वहाँ देखा उसने उनके होश उड़ा दिए।
एक छोटी सी बच्ची कक्षा में बंद थी और जोर जोर से रो रही थी, ग्रामीणों ने अविलम्ब कुछ शिक्षकों को इसकी सूचना दी, सूचना पर पहुंचे शिक्षकों ने विद्यालय का ताला खोलकर मासूम को बाहर निकाला इसी बीच किसी ने विद्यालय में बंद और रो रही बच्ची का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में अपलोड कर दिया।
घटना की जानकारी बेसिक शिक्षा अधिकारी को होने पर उन्होंने खंड शिक्षा अधिकारी अक्षलडा को पूरे घटनाक्रम की जाँच करने का आदेश दे दिया और ये भी कहा की इसमें जी भी दोषी पाया जायेगा उसपर कठोर कार्यवाई होगी।

 
									 
						 
							 
							 
							 
							 
							 
							

