पुलिस के हस्तक्षेप के बाद सीएमओ ने दिए जाँच के आदेश
काटना पड़ सकता है बच्ची का हाथ
गौतमबुद्धनगर। उत्तरप्रदेश के सरकारी चिकित्सकों और अस्पतालों की लापरवाही है की थमने का नाम नहीं ले रही, आये दिन भ्रस्टाचार के साथ साथ रोगियों के साथ घटने वाली घटनाये रुकना तो दूर उल्टे बढ़ती ही जा रही हैं, खास बात तो ये है की अब इन्ही के नक़्शेकदम पर निजी अस्पताल भी चलने लगे हैं, ताज़ा मामला भी ऐसे ही चिकित्सक से जुड़ा है जिसकी लापरवाही के चलते एक नवजात बच्ची जिंदगी भर एक हाथ गवां कर भुगतने को विवश हुई है।
मामला जिले के नवीन अस्पताल का है, बताया जा रहा है यहाँ पर विगत 5 अक्टूबर को चिटहैरा निवासी शिवम् भाटी की गर्भवती पत्नी ने एक कन्या को जन्म दिया, जन्म के बाद चिकित्सकों ने बताया की बच्ची कमजोर है उसे विशेष चिकित्सा की आवश्यकता है, परिजनों ने अच्छी चिकित्सा की आस में बच्ची को नगर के गोपाल नर्सिंग होम में भर्ती करा दिया।
बताया जाता है यहाँ के चिकित्सक ने बच्ची को कोई ऐसा इंजेक्शन लगा दिया जिसके बाद उसकी हथेली लाल होते होते पूरी तरह सूज गईं, परिजनों ने ज़ब चिकित्सक से इस बावत बात की तो उन्होंने नवजात के हाथ में पट्टी बांध दी और सब ठीक हो जाने की बात बताई।
लेकिन ज़ब पांच दिन बाद भी स्थिति में कोई सुधार होना तो दूर हालात और बिगड़ते देख अस्पताल ने बच्ची को हायर सेन्टर रेफर कर दिया तो परिजन नवजात की लेकर बाल पीजीआई लेकर पहुंचे जहाँ चिकित्सकों की टीम ने निरिक्षण कर बताया की बच्ची के हाथ में गाँग्रीन हो गया है, संभवतः बच्ची का हाथ काटना पड़ सकता है।
चिकित्सकों की बात सुन सदमे में पहुंचे परिजन शिकायत लेकर पुलिस के पास पहुंचे जिसपर पुलिस ने सीएमओ को पत्र लिखकर पूरे मामले की जाँच कराये जाने की बात कही। मामले की गंभीरता को देखते हुए सीएमओ डा नरेन्द्र ने मैटेर्निटी विंग प्रभारी डा रविंद्र सिरोहा, डिप्टी सी एम ओ रविंद्र कुमार और ऑर्थो विशेषज्ञ डा बृजेश कुमार की तीन सादस्सीय टीम का गठन कर मामले के जाँच के आदेश दे दिए हैं। वहीं परिजन आरोपी चिकित्सालय का लाइसेंस रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं।