पंजीयन दस्तावेजों के बीच लगवाया इकरारनामें पर अंगूठा
वजीरगंज (गोण्डा)। लाख कोशिशों के बाद भी धोखबाज अपनी करतूतों मे ंकायमाब हो ही जाते है जिसके चलते पीडितों को अनावश्यक पुलिस ओैर न्यायालय के चक्कर लगाने को विवश होना पडता है, कुछ ऐसी ही धोखाधडी की कहानी वजीरगंज के ग्राम बधंवा निवासी झगरू के साथ हुयी जिसमें धोखेबाज ने जमीन खरीदने के नाम पर धोखे से इकरारनामे पर अगूठा लगवाकर झगरू को पुलिस और न्यायालय की दौड लगाने को विवश कर दिया।

कारनामा जिले के थाना वजीरगंज के ग्राम बंधवा निवासी झगरू पुत्र रमई और वजीरगंज के ही ग्राम गणेशपुर ग्रंट निवासी सुनीता के बीच का है। मामले में झगरू ने आरोप लगाते हुए कहा है कि विगत अक्टूबर माह में सुनीता को अपनी एक जमीन का बैनामा किया था जिसमें दोनों पक्ष बैनामे ंके बाद जमीन का भुगतान करने पर राजी हुए थे, बैनामें के पूर्व जमीन के पूर्ण मूल्य 10 लाख मे ंसे दो लाख रूप्ये झगरू के मिल गये थे लेकिन बकाया आठ लाख रूप्ये जो बैनामें के बाद मिलने थे वो उसे नही मिले।

झगरू ने जब रूप्ये की मांग की तो सुनीता ने उसे एक इकरारनामा दिखाते हुए कहा कि बाकी के रूप्ये उसे पांच वर्ष में दिये जायेगें। झगरू ने बताया कि इस इकरार नामे पर उससे धोखे से अगूठा लगवाया गया है इस तरह की कोई बात उनकी नही हुयी थी, उसके अनपढ होने का फायदा उठाया जा रहा है, यह इकरारनामा बैनामें के कागजातों के बीच रखकर उससे धोखे से अगूठा लगवाया गया है। झगरू ने यह भी बताया कि जमीन का सौदा दस लाख में हुआ है जिसमें से दो लाख रूप्ये उसे मिले, बकाया आठ लाख उसे मिलना है लेकिन इकरारनामें में बकाया की धनराशि आठ लाख के काटकर छह लाख कर दिया गया है, ये भी एक धोखा उसके साथ किया जा रहा है।

अपने साथ किये जा रहे इस धोखे से आहत झगरू ने पुलिस से इसकी लिखित शिकायत करते हुए मुख्यमत्री पोर्टल पर भी शिकायत की जिस पर पुलिस ने भी यह रिपोर्ट लगाई कि झगरू की बात ओैर शिकायत उचित है, लेकिन पुलिस ने कोई कार्यवाई नही की, पुलिस की ओर से कार्यवाई न होता देख झगरू ने न्यायालय की शरण ली है, देखना ये है कि झगरू को न्याय मिलता है या नही।

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