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मोर्चारी में निकाली गईं मृतक की आंख, मेडिकल कालेज प्रशासन ने साधा मौन

अस्पताल में मचा हंगामा, न्याय न मिलने तक धरने पर बैठेंगे मृतक के परिजन

सर में चोट लगने से हुई थी घायल की मृत्यु

गोण्डा। मोर्चारी में रखें गए शव की आँखों से छेड़छाड़ किये जाने का घृणित मामला प्रकाश में आया है और उससे भी घृणित कृत्य मेडिकल कालेज प्रशासन का रहा की घटना सामने आने के दो घंटे बाद तक किसी भी जिम्मेदार ने न तो घटना स्थल पर पहुँच कर परिजनों को घटना की वास्तविकता से अवगत कराने का प्रयास किया और न ही मीडिया के सामने मुँह खोला।

अत्यंत विभित्स ये घटना मेडिकल कालेज के मोर्चारी में घटी है, परिजनों के अनुसार जिले के परसपुर के ग्राम रायपुर शिवगढ निवासी कौशलेन्द्र कुमार सिंह पुत्र हनुमान बक्श सिंह जो शटरिंग का काम करते थे, काम के दौरान ही गिरने से उनके सर में चोट लगी जिन्हे अस्पताल पहुंचाने पर चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित करते हुए शव को मोर्चारी में रखवा दिया।

मृतक के भाई कृष्ण कुमार सिंह ने समाचार वार्ता को बताया की शव को मोर्चारी में रखते समय उन्होंने विडिओ बनाया था उस समय शव पूरी तरह सुरक्षित था लेकिन ज़ब सुबह शव मोर्चारी से निकाला गया तो उसकी दोनों आँखें गायब थी। कृष्ण कुमार सिंह ने सीधा आरोप मेडिकल कालेज के चिकित्सकों पर लगाते हुए कहा की ये डाक्टरों की करतूत है उन्होंने ही उनके भाई की आंखे निकाली हैं।

मौक़े पर दर्जनों की संख्या में मौजूद मृतक के परिजन और सम्बंधियों ने एक स्वर में कहा की जबतक उनके भाई को न्याय नहीं मिल जाता तबतक यहाँ धरना दिया जायेगा।

सबसे बड़ी हैरानी की बात तो ये है की घटना के सामने आने के दो घंटे के बाद तक मेडिकल कालेज प्रशासन के किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने ये आवश्यकता नहीं समझी की कम से कम मौक़े पर पहुंचा जाये और आक्रोषित परिजनों को वास्तविकता से अवगत कराते हुए समझाने बुझाने का प्रयास किया जाये।

हद तो तब हो गईं ज़ब प्रकरण की हकीकत जानने के लिए मेडिकल कालेज के प्रबंधक रजनीश सिंह और मेडिकल अधीक्षक डा डी एन सिंह से संपर्क किया गया तो दोनों जिम्मेदारों ने मुँह खोलने से स्पष्ट इंकार कर दिया। हालांकि मेडिकल कालेज प्रिंसिपल धनंजय श्रीकांत कोटास्थाने ने बताया की मामले की जाँच के लिए टीम बना दी गईं है रिपोर्ट के आधार पर जिम्मेदारी तय करते हुए आवश्यक कार्यवाई की जाएगी, यहाँ ये भी बताना जरुरी है की पूर्व में भी भ्रस्टाचार के कई मामलों में प्रिंसिपल द्वारा जाँच के लिए टीमों का गठन किया जाता रहा है लेकिन उनकी रिपोर्ट क्या आई और उनपर क्या कार्यवाई की गईं इसे सार्वजनिक करना तो दूर मीडिया से भी साझा करने में परहेज किया जा चुका है इसलिए इस मामले में भी जाँच रिपोर्ट आने और कार्यवाई किये जाने की सम्भावना कम ही दिखाई देती है।

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राजेंद्र सिंह

राजेंद्र सिंह (सम्पादक)

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