तीन में से एक पुरवे पर नहीं पड़ रही प्रधान कि कृपा दृष्टि
गोण्डा। वैसे तो सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत लगभग सभी ग्राम पंचायतों में पानी कि टंकी का निर्माण करा हर घर नल योजना को अमली ज़मा पहनाने का भरपूर प्रयास किया है लेकिन अब इसे प्रधानों कि लापरवाही कहे या उनकी राजनैतिक हठधार्मिता, अनेकों गावों के हज़ारों लोग अभी भी शुद्ध पेयजल कि कमी से जूझ रहे हैं।
कुछ ऐसा ही नज़ारा पिछले दिनों विकासखंड झंझरी के ग्राम पूरे खेमकारण में दिखाई दिया, यहाँ जल जीवन मिशन के तहत करोड़ों रुपये कि लागत से ओवरहेड टैंक का निर्माण करा दिया गया, गाँव के पूरे ललक, बाबा पूरवा सहित पूरे खेमकारण में लोगों को पाइप लाइन से जोड़कर लगभग सभी घरों में टोटी भी लगा दी गईं लेकिन तीन में से एक पुरवे पूरे खेमकारण में आजतक पानी कि एक बूंद भी नहीं पहुंची, जबकि टंकी ग्रामसभा को हैंडओवर हुए एक वर्ष हो रहे हैं।

शुद्ध पेयजल की कमी से जूझ रहे पूरे खेमकारण निवासियों ने बताया की टोटी लगभग सभी घरों में लगा दी गईं है लेकिन पानी आजतक नहीं आया जबकि ग्रामसभा के अन्य पुरवे जिसमे पूरे ललक और बाबा पुरवा में पानी की आपूर्ति की जा रही है, वहीं ज़ब पूरे ललक और बाबा पुरवा निवासियों से पानी की आपूर्ति को लेकर बात की गईं तो उनका कहना था की हाँ पानी आता है लेकिन सप्ताह में एक या दो दिन।
हालांकि प्रधान प्रतिनिधि राजेश वर्मा ने ग्रामवासियों की शिकायत को ही झुठलाते हुए बताया की अभीतक टंकी हैंडओवर नहीं की गईं है, आपूर्ति के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया की कभी कभी ट्रायल के तौर पर पंप चलाया जाता है, हालांकि ग्रामीणों का ये भी आरोप है की प्रधान ने अपने ही घर के व्यक्ति को पंप ऑपरेटर के पद पर तैनात करा रखा है जो मनमानी करता है, इस सवाल पर प्रधान ने कोई जवाब नहीं दिया।
यहाँ ये भी ध्यान देने वाली बात है की सरकार की प्राथमिकता में शामिल किसी भी योजना के पूर्ण होने के एक वर्ष बाद भी उसे ग्राम सभा को हैंडओवर न किया गया हो ऐसा संभव नहीं जिसकी प्रमाणिकता के लिए अधिशासी अभियंता जल निगम से ज़ब संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनकी कॉल रिसीव नहीं हुई।

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