“आखिर क्या वजह है की उप जिलाधिकारी सदर गोंडा भ्रष्ट कोटेदार के ऊपर मेहरबान है ” जांच में आरोप साबित होने के उपरांत विधायक से लेकर सांसद तक ने लिखी चिट्ठी परन्तु आज नही हुई कोई कार्यवाही ।
गोंडा । मामला जनपद गोंडा के ग्राम कौडिया का है जंहाँ के निवासी दिनेश प्रताप पांडेय ने उचित दर विक्रेता कौडिया बाजार गोंडा की शिकायत जिलाधिकारी गोंडा से काफी दिनो पहले की थी जिसमे जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी एंव जिला पूर्ति अधिकारी क़ो जांच करके आवश्यक कार्यवाही किए जाने का निर्देश पारित क़िया था , जिसमे 22-12-2018 क़ो जांच जिला पूर्ति निरीक्षक द्वारा सम्पादित की गयी थी जिसमे पीड़ित ग्रामवासियों ने भ्रष्ट कोटेदार के विरुध्द (घटतौली , निर्धारित मूल्य से अधिक कीमत वसूलना , राशन समय ना वितरण करना , बीच बीच में पूरे माह का राशन ना बांटना ) इत्यादि गंभीर वित्तीय व प्रशासनिक अनियमितताओं की शिकायत शपथपत्र पत्र पर देकर कार्यवाही की मांग की थी तथा अपना मौखिक बयान भी दर्ज कराया था , यही नही उक्त प्रकरण की जांच समन्धित लेखपाल भी कर चुके है जिसमे आरोपो की पुष्टि करते हुए काफी दिनो पूर्व जांच रिपोर्ट कार्यालय में आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रस्तुत कर चुके है ।
क्या कहते है शिकायतकर्ता ।
शिकायकर्ता का कथन है की ग्राम सभा कौडिया के पूर्व कोटेदार क़ो वित्तीय अनियमितताओं के कारण सस्पेंड कर दिया गया था तभी से उचित दर विक्रेता की दुकान क्रय विक्रय समिति बड़ागांव गोंडा के साथ शिकायकर्ता के गाँव का कोटा अटेच कर दिया था जो की ग्राम सभा से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है , और वर्तमान उचित दर विक्रेता काफी भ्रष्ट है एंव राजनैतिक संरक्षण प्राप्त व्यक्ति है जिससे 2-2 बार जांच में आरोप की पुष्टि होने के बाद धन और रजनैतिक रसूख के प्रभाव में वर्तमान उपजिलाधिकारी कार्यवाही करने की हिम्मत नही जुटा पा रहे है , पीड़ित ग्रामवासियों का आरोप यह भी है की उपजिलाधिकारी एंव जिला पूर्ति विभाग के जिम्मेदार अधिकारियो ने मोटी धन उगाही करके पत्रावली क़ो शिथिल करके ठंढे बस्ते में डाल दिया है ।
गौरतलब तथ्य यह भी है की क्षेत्रीय विधायक से लेकर सांसद श्बृजभूषण सिंह एंव अन्य क्षेत्रीय नेताओ द्वारा अपने लेटर पैड पर ग्राम सभा में नये कोटेदार का चयन किए जाने संबधी सिफ़ारिश जिलाधिकारी गोंडा से भी की जा चुकी है तदुपरांत आज तक कोई भी कार्यवाही नही की गयी है , विदित हो की पूर्व में जिलाधिकारी रह रहे जे बी सिंह खाद्यान घोटाले में सस्पेंड भी चुके है उसके बावजूद भी आलम यह है ।
क्या कहते है मामले की पैरवी कर रहे अधिवक्ता एंव फायर ब्रांड सामाजिक कार्यकर्ता पंकज दीक्षित ।
मामला बहुत ही गंभीर प्रकृति का है , और मै खुद हैरान हूँ की सांसद बृजभूषण सिह और विधायक बावन सिंह की चिट्ठी पर भी जब प्रशासन नही चेता तो मै वास्तव में बहुत ही अचम्भित हूँ की वास्तव में उचित दर विक्रेता कोई प्रभावशाली व राजनैतिक रसूख वाला व्यक्ति है तभी प्रशासन अपंग बना हुआ है वर्ना जांच में आरोप की पुष्टि होने पर अब तक कोई कठोर कार्यवाही हो जानी चाहिए , फिर भी मै हार नही मानूंगा और मैने अपनी कमर कस ली है कि भ्रष्ट उचित दर विक्रेता के विरुध्द कार्यवाही कराकर ग्रामवासियों क़ो न्याय दिलाऊंगा चाहे जिला प्रशासन से लेकर उच्च न्यायालय तक क्यो ना संघर्ष करना पड़े । मै निश्चित रूप से आश्वस्त हूँ कि उप जिलाधिकारी सदर गोंडा की इसमे संलिप्तता प्रतीत हो रही है और उनके संरक्षण में भ्रष्ट कोटेदार फल फूल रहा है ।