कौड़िया (गोण्डा) जनपद का थाना कौड़िया जितना अपने कुकर्मो के लिये चर्चित रहा है उतना ही यहां का दरोगा अपने भ्रस्टाचारी आचरण के लिए, हैरानी की बात तो ये है कि ये मनबढ़ दरोगा अब अपने उच्चाधिकारियों तो दूर न्यायालय को भी ठेंगा दिखाने से बाज़ नही आ रहा !
जी हां हम बात कर रहे हैं थाना कौड़िया पर तैनात दरोगा सतगुरु मिश्रा की जिसके ऊपर धन उगाही का नशा इतना हाबी हो गया है की उनके ऊपर ना तो न्यायालय के निर्देश का कोई असर है ना ही पुलिस विभाग का ।
बात करें मौजूदा मामले की जो जनपद के थाना कौडिया क्षेत्रान्तर्गत ग्राम परसिया रानी से समन्धित है जिसमे 2 भिन्न भिन्न पीड़ितो ने स्थानीय थाने पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज किए जाने संबंधी प्रार्थना प्रस्तुत क़िया जिसमे दोनो प्रार्थना पत्रो पर कोई भी कार्यवाही नही की गयी ना ही मुकदमा पंजीकृत क़िया तब पीड़ितो क़ो न्यायालय की शरण लेने हेतु मजबूर होना पड़ा । जिसमे एक मामला सियाराम बनाम अमृत लाल आदि एस सी एस टी कोर्ट पर प्रस्तुत क़िया गया है और दूसरा जे एम प्रथम गोंडा के यंहा गंगा विशुन बनाम मितेश श्रीवास्तव आदि 156(3) सी आर पी सी का प्रार्थना प्रस्तुत क़िया, इन दोनों मामलों में कई बार मुसन्ना भेजने के बाद भी संबंधित दरोगा द्वारा आख्या पैरोकार क़ो न्यायालय पर प्रस्तुत करने हेतु नही उपलब्ध कराया गया ।
बताते चले कि यह मामला पिछले दिनों सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में था जिसका संज्ञान पुलिस अधीक्षक कार्यालय गोंडा सोशल मीडिया सेल के प्रभारी ने भी लिया था और थानाध्यक्ष कौडिया एंव क्षेत्राधिकारी कर्नलगंज क़ो तत्काल कार्यवाही हेतु निर्देशित क़िया गया था उसके बाद का भी आलम यह है की आज तक संबंधित दरोगा ने आख्या रिपोर्ट नही भेजवाया ।
क्या कहते है अधिवक्ता एंव फायर ब्रांड सामाजिक कार्यकर्ता पंकज दीक्षित ।
यह कोई नया मामला नही है , थाना कौडिया अक्सर सुर्खियों में अपने नाकामी एंव लचर व्यवस्था तथा अनियमितताओं के वजह से रहा है जहां तक रही बात दरोगा सतगुरु मिश्रा की तो वह काम कम कारनामों से अधिक मशहूर रहते है । पीड़ित क़ो जब थाने से न्याय नही मिलता है तो थकहार कर न्यायालय में आता है और न्यायालय की कार्यवाही में अपराधियो के धन और राजनैतिक रसूख की वजह से उनको बचाने में दरोगा सतगुरु मिश्रा कोई भी किसी तरह से कोई कसर नही छोड़ते है क्योकि मामलें में अपराधी क्षेत्रीय नेता एंव प्रधान भी दोषी एंव पार्टी है ।