बड़ा हादसा भी बचा होते होते
गोण्डा ! आज हाईकोर्ट के आदेश पर विवश हुए जिला प्रशासन ने स्टेशन रोड पर बने अवैध अतिक्रमण को हटाने का अभियान शुरू कर ही दिया, हालांकि धनबल और राजनैतिक पकड़ के चलते लगभग विवश हो चुके जिला प्रसाशन ने होटल पथिक के अवैध निर्माण को अभय दान देने में अपनी और से कोई कोर कसर नहीं छोड़ी, आज दिए गए अल्टीमेटम की समय सीमा समाप्त होने के बाद भी दो बार प्रसाशन ने होटल को समय दिया, जो उसकी मंशा पर एक बार फिर सवालिया निशान छोड़ गया !
फ़िलहाल पीडब्लूडी की इस जमीन पर बने एक चार मंजिला होटल समेत 105 दुकानें अतिक्रमण की जद मे हैं और प्रशासन इन सभी को पहले ही नोटिस दे चुका था …. आज सिटी मजिस्ट्रेट के नेतृत्व मे कुल 11 जेसीबी मशीनों के साथ अतिक्रमण हटाने का काम शुरू किया गया और करीब 80 दुकाने ढहा दी गईं। इस बीच बहुचर्चित होटल को बचाने की कवायद चलती रही लेकिन यह कवायद भी शाम होते होते फेल हो गई और प्रशासन का बुलडोजर शाम होने से पहले होटल पथिक तक पहुंच गया।
आपके बता दें कि स्टेशन रोड पर पीडब्लूडी की जमीन पर बना बहुचर्चित होटल पथिक इन जरवल फरेंदा फोरलेन मे निर्माण मे सबसे बड़ा बाधा बना हुआ था …. इसके साथ ही 105 दुकाने भी पीडब्लूडी की जमीन पर बनी थी। जिला प्रशासन ने कई बार इस अतिक्रमण को हटाने का प्रयास किया लेकिन होटल मालिक के रसूख और कोर्ट के आठ साल पुराने स्टे के बदौलत प्रशासन को हर बार असफलता ही हाथ लगी। इस अवैध निर्माण को हटाने की निर्णायक लड़ाई सामाजिक संस्थाओं द्वारा लड़ी गयी और मुट्ठी भर युवाओं ने धरना प्रदर्शन से लेकर सड़क जाम व आंदोलन तक किया और कोर्ट मे मामले की पैरवी की। पिछले सप्ताह हाईकोर्ट ने आठ साल पुराने स्टे को खारिज करते हुए अवैध निर्माण को ढहाने का आदेश दिया था …. हाईकोर्ट के आदेश पर शुक्रवार को जिला प्रशासन ने घोसियाना मोड़ से लेकर जयनरायन चौराहे तक बने अवैध निर्माण को हटाना शुरू कर दिया। इस बीच होटल मालिक की तर्ज से हाईकोर्ट मे सुनवाई का हवाला देकर होटल को बचाने का प्रयास किया लेकिन शाम होते होते प्रशासन का बुलडोजर होटल पथिक तक पहुंच गया …. शाम तक करीब 80 दुकाने ढहाई जा चुकी थी बाकी अन्य इमारतों को ढहाने के कार्यवाही चल रही है।