पत्नी की जगह प्रभारी चिकित्साधिकारी बनकर डीएम की मीटिंग में आने वाले डा0 विवेक मिश्र को डीएम ने निलम्बित करने के दिए आदेश
डीएम के निरीक्षण में गैर हाजिर मिले जिला कारागार के डाक्टर टीपी जायसवाल, निलम्बित करने के दिए आदेश
गोण्डा ! जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में जिलाधिकारी डा0 नितिन बंसल ने बड़ी कार्यवाही की है। प्रभारी चिकित्साधिकारी मुजहेना डा0 सुमन मिश्रा की जगह उनके डाक्टर पति डा0 विवेक मिश्र पिछले एक साल से डीएम की बैठकों में स्वयं को एमओआईसी बताकर आ रहे थे। इस बात का खुलासा शनिवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में हुआ। जिलाधिकारी ने बेहद नाराजगी व्यक्त करते हुए मीटिंग से उन्हें बाहर करते हुए मीटिंग में ही उनकी तैनाती की पत्रावली तलब की तो ज्ञात हुआ कि डा0 विवेक गलत तरीके से स्वयं को प्रभारी चिकित्साधिकारी बताकर डीएम की बैठकों में बतौर प्रभारी चिकित्साधिकारी प्रतिभाग कर रहे हैं। इससे नाराज डीएम ने डा0 विवेक मिश्रा को निलम्बित करने के लिए तत्काल प्रभाव से शासन को पत्र भेजने व उनके खिलाफ लम्बित जांच की रिपोर्ट तीन दिन के अन्दर उन्हें उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में ही जिलाधिकारी ने जिला कारागार में बतौर चिकित्साधिकारी तैनात डा0 टी0पी0 जायसवाल को भी निलम्बित करने के लिए शासन को पत्र भेजने के निर्देश सीएमओ को दिए हैं। बताते चलें कि डा0 टीपी जायसवाल के समय सेे न आने की शिकायत पर शनिवार को जिलाधिकारी ने एसपी के साथ जिला जेल का औचक निरीक्षण किया गया तो डा0 टी0पी0 जायसवाल अनुपस्थित मिले और थोड़ी देर बाद वे डीएम के जिला कारागार पहुंचने की सूचना पर जिला कारागार पहुंचे। बैठक में ही जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य कार्यक्रमों में खराब प्रगति पर प्रभारी चिकित्साधिकारी रूपईडीह से स्पष्टीकरण तलब करने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य कार्यक्रमों में जनपद की स्टेट रैंक में अपेक्षित सुधार न होने पर जिलाधिकारी ने सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों तथा कार्यक्रमवार नियुक्त प्रभारियों को सख्त चेतावनी दी है कि वे अपनी-अपनी प्रगति सुधार लें अन्यथा निश्चित रूप से कार्यवाही की जाएगी। इसी प्रकार बभनजोत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर दो चिकित्साधिकारियों की तैनाती जिसमें वित्तीय प्रभार डा0 आलोक सिंह तथा प्रशासनिक प्रभार डा0 प्रणव मौर्य को दिए जाने की बात सामने आई। डीएम ने तैनाती कैसे और किस शासनादेश के तहत हुई है, का ब्यौरा सीएमओ से तलब किया है।
जिलाधिकारी ने बैठक में यह भी निर्देश दिए कि सभी जनपद स्तरीय अधिकारी हर हफ्ते सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को विजिट करें तथा विजिट की रिपोर्ट उन्हें सीएमओ के माध्यम से उपलब्ध कराएं। कार्यक्रमों की समीक्षा में ज्ञात हुआ कि हीमोग्लोबिन अेस्ट में बेलसर, परसपुर, मुजेहना, रूपईडीह की प्रगति सबसे खराब है। परसपुर प्रभारी चिकित्साधिकारी मीटिंग में परसपुर अन्तर्गत उपकेन्द्रों की संख्या नहीं बता पाए। जिलाधिकारी ने इस पर निर्देश दिए कि सभी अधिकारी अगले माह फीगर लेकर ही बैठक में आएं। प्रसव की समीक्षा में डीएम ने संस्थागत प्रसव, घर पर प्रसव, प्राइवेट अस्पतालों में प्रसाव, महिला अस्पताल रेफर किए मामलों तथा रेफर किए जाने के कारण सहित पूरा ब्यौरा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रवार मांगा हैं। टीकाकरण की समीक्षा में रूपईडीह, वजीरगंज, मसकनवां, इटियाथोक तथा मुख्यालय की प्रगति खराब रही। इसी प्रकार एचआईवी की जांच में बभनजोत, इटियाथोक, मनकापुर, काजीदेवर तथा तरबगंज की स्थिति खराब रही। इस पर डीएम ने सभी एमओआईसी से जवाब तलब किया हैं। आशाओं के भुगतान में परसपुर और इटियाथोक की प्रगति संतोषजनक नहीं मिली। जननी सुरक्षा योजना की समीक्षा में ज्ञात हुआ कि जनपद में 6368 लाभार्थियों का भुगतान किया जाना शेष है। डीएम ने लाभार्थियों का भुगतान जल्द से जल्द कराने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में सीडीओ आशीष कुमार, सीएमओ डा0 मधु गैरोला, सीएमएस डा0 ए0पी0 मिश्रा, डीपीएम अमरनाथ, डीसीपीएम ड0 आर0पी0 सिंह, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा0 देवराज, जिला समाज कल्याण अधिकारी मोतीलाल, तकनीकी सहयोग यूनिट प्रभारी सौरभ सहित अन्य अधिकारी तथा प्रभारी चिकित्साधकारीगण उपस्थित रहे।