गोण्डा। वर्षो से जिला चिकित्सालय में अपनी सेवाऐं दे रहे पांच दर्जन से भी अधिक स्वास्थ्य कर्मियों को प्रमुख अधीक्षक के एक पत्र ने उन्हें उनके परिवार सहित किस तरह दर दर की ठोकरे खाने पर मजबूर कर दिया हैं, बाबू ईश्वर शरण जिला चिकित्सालय के मुख्य द्वार पर बैठे इन कर्मियों की हालत देखकर आसानी से इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
अपनी जबरन सेवानिवृति के तीसरे दिन भी धरने पर बैठे इन स्वास्थ्य कर्मियांं को न चाहते हुए भी सरकार के विरोध में नारे बाजी पर मजबूर होना पडा, दर्जनों की संख्या में बैठे ये कर्मचारी ‘‘हम अपना अधिकार मांगते‘ नही किसी से भीख मांगते’’ ‘‘नही चाहिये महीने भर का दान‘ ’हमको चाहिए जीवन भर का सम्मान’’ इसके साथ ही रोजी रोटी दे न सके वो सरकार निकम्मी है, कर्मचारी एकता जिन्दाबाद के नारों सहित सभी कर्मचारियों को एनएचएम में समायोजित करने की मांग भी की।
इतना ही नहीं जबरन सेवा से हटाये जा रहे इन 61 आउटसोर्सिंगं के कर्मचारियों ने जिले के नोडल अधिकारी, उपश्रमायुक्त देवीपाटन मण्डल सहित मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश, चिकित्सा मंत्री उत्तर प्रदेश, मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश, जिला अधिकारी, सीएमओ, प्रमुख अधीक्षक को भी अपनी पीडा से अवगत कराते हुए पत्र लिख कर अपनी अन्य मांगों के साथ साथ सेवा विस्तार एवं सभी को एनएचएम से समायोजित किये जाने की मांग की है।
आज के धरने की खास बात यह रही कि आज धरना प्रर्दशन कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों के साथ जिला अस्पताल के ही हडडी रोग विषेशज्ञ डा0 अरूण मिश्र, वार्ड ब्वाय अमरेश तिवारी ने भी इसमें हिस्सा लेते हुए इन सभी को अपना समर्थन दिया।