मुज़ेहना (गोंडा) ! सड़क किनारे पी.डब्लू.डी.विभाग की जमीनों पर छोटे छोटे उन दूकानदारों से जो मुफ़लिसी में किसी तरह चाय पान की दूकान लगा कर गुजर बसर कर रहे हैं उन दूकान दारों से माहवारी वसूलने के मामले पहले भी संज्ञान में आये मगर वसूली करने वालों से विभागीय मिलीभगत होने के कारण उन पर कोई अंकुश लगता दिखाई नही पड़ता है।
क्षेत्र के जोतिया गाँव के निवासी भूपेंद्र पुत्र जमुना तथा उसके कुछ साथियों का एक गैंग सक्रिय रूप से ऐसे लोगों का उत्पीड़न विगत कई वर्षों से निरन्तर कर रहा है।
आइये बताते हैं कैसे खेला जाता है वसूली का ये खेल?
पी.डब्लू.डी.की जमीन पर अथवा कहीं किसी प्रकार सरकारी भूमि पर कोई गरीब व्यक्ति झोपडी में य पान की ढाबली में चाय पान की दूकान रखता हो तो पहले उससे दो ढाई तीन सौ जितने पर सेट हो जाए वसूले जाते हैं कुछ ऐसे भी हैं जो अपनी दवा पानी के खर्च के चलते इन्हें गुंडा टेक्स नही दे पाते तो उनके खिलाफ सम्बंधित विभाग को पत्र भेज कर कब्जा करने की शिकायत की जाती है शिकायती पत्र पर कार्यवाही के लिए आने वाले कर्मचारी को चाय पानी पिला कर उस दूकानदार का हर प्रकार उत्पीड़न किया जाता है गाली गलौज से डरा धमका कर अगर कुछ रकम ऐंठ पाने में कामयाब होते है तो ठीक नही फिर झोपड़ पट्टी य ढाबली जो भी है उसे जब्त करने की नोटिस भी भेजी जाती है।
इतने पर भी अगर किसी तरह कोई अपनी दूकान बचा लेता है तो उसके खिलाफ मारपीट करने चोरी करने जैसी फर्जी शिकायतें करके परेशान किया जाता है।
अगर प्रशासन द्वारा इस गैंग को गुंडा टेक्स की वसूली अथवा सभी सरकारी जमीनों को खाली कराने का ठेका दिया गया है तो उसे सार्वजनिक तौर पर प्रकाश में लाया जाना चाहिए और यदि ऐसा नही है तो मुफलिसी में किसी तरह जीवन जी रहे लोगों का उत्पीड़न करने वालों पर शिकंजा कसा जाना चाहिए !