गोंडा ! जिले के स्वास्थ्य महकमें में किस कदर भ्रष्टाचार है यह किसी से छिपा नहीं है।अगर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कुछ अच्छा करना चाहें भी तो उनके आफिस में कार्यरत एक दबंग लिपिक की दबंगई उनके आदेश पर भारी पड़ जाता है।अगर यह कहें कि,किस आदेश पर क्या कार्रवाई करना है या नहीं करना है तो यह एक साथ कई पटल पर काबिज वह दबंग लिपिक ही तय करता है ,सी एम ओ नहीं ।तभी तो जिले के वजीरगंज में चल रहे बिना रजिस्ट्रेशन अवैध रूप से संचालित आरडी पैथालॉजी व यूपी पैथालॉजी को बंद करने हफ्तों पहले जारी आदेश के बावजूद दबंग लिपिक बब्बू मिश्रा के संरक्षण में खुलेआम चल रहे हैं ।
हद तो तब हो गई जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा• मधु गैरोला के इन अवैध लैबों पर मुकदमा पंजीकृत कराने के बावत स्टेनो को दिये गये आदेश की धज्जियां उड़ाता हुये इस दबंग लिपिक ने स्टेनो को आदेश टाइप करने से रोक दिया, व कहने लगा कि,लैब ऐसे ही चलेंगे जो करना हो कर लो यह मै चलवा रहा हूँ जहाँ जाना चाहो जाओ कुछ नहीं उखड़ेगा।
कुछ ऐसा है यह मामला ।
माधवपुर निवासी एक युवक ने जिले के कुछ अवैध रूप से संचालित पैथालॉजी लैब व एक्सरे सेंटर की जाँच के बावत एक शिकायती पत्र मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मधु गैरोला को दिया था।जिस पर संज्ञान लेते हुये उन्होंने इसकी जांच के लिये क्षय रोग अधिकारी डॉ आलमगीर को निर्देशित किया था।जिसमें उनके द्वारा जाँच में यह लैब अवैध पाये गये थे।जिसके बावत इसे बंद करने संबंधित आख्या डॉ आलमगीर ने अगस्त 2019 में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मधु गैरोला को सौंप दिया । शिकायतकर्ता युवक का आरोप है कि आदेश के बावजूद अब तक अवैध पैथालॉजी बंद नही हुआ ।इस संबंध में जब कई पटल का चार्ज लिये देख रहे स्थानीय निवासी लिपिक बब्बू मिश्रा से जानकारी लेनी चाही तो वह भड़क गया और कहा कि,हमारे पास पुलिस व्यवस्था नहीं है मै और सी एच सी अधीक्षक नहीं जायेंगे बंद करने।
डी एम दिया कार्रवाई का आश्वासन ।
इस संबंध में आहत शिकायत कर्ता ने इसकी लिखित शिकायत जिलाधिकारी डाक्टर नितिन बंसल से की ,जिस पर उन्होंने इसे गंभीरता से लेते हुये इस पर कार्रवाई की बात कही। अब देखना यह है की जिलाधिकारी इस मामले पर क्या कार्रवाई करते हैं ।