पणजी (गोवा)। हाल ही में जम्मू कश्मीर मेंं राज्यपाल पद के सफल निर्वहन के बाद गोवा की जिम्मेदारी संभालने वाले राज्यपाल सत्यापाल मलिक ने बिहार के बारे में एक बडा खुलासा यह कहते हुए किया है कि इस राज्य में सैकडों बीघे जमीन वहां के कुत्तों और घोडों के नाम पर दर्ज है। और इसका बडा कारण है जमीन्दारी उन्मूलन अधिनियम का सही तरीके से राज्य में लागू न होना है।
यहां यह भी बताना आवश्यक है कि श्री मलिक पूर्व में बिहार के भी राज्यापाल रह चुके है। उन्होनेंं इस बडे रहस्य का खुलासा करते हुए बताया कि बिहार के कुछ जमीन्दारों के पास चार पांच हजार बीघे से भी ज्यादा जमीनें हैं जिन्हें अपने कब्जे में बनाये रखने के लिए उनका पंजीयन उन लोगों ने अपने कुत्तो घोडों यहां तक की अपनी घडियों के नाम से करा रखा है। उन्होनें इस अनियमितता के लिए सबसे बडा दोषी जमीन्दारी उन्मूलन अधिनियम के सुचारू संचालन न होने को माना हैं उन्होने ंइस बारे में उत्तर प्रदेश की सराहना करते हुए यह भी कहा है कि यह अधिनियम उत्तर प्रदेश में बहुत ही इंर्मानदारी और निष्ठा से लागू किया गया हैं।
राज्यपाल मलिक ने सविंधान के 70वें दिवस पर आयोजित उत्सव में गोवा विश्वविद्यालय के विशाल मैदान मे ंआयोजित कार्यक्रम में उपस्थित भारी जनसमूह को सम्बोधित करते हुए कहा कि जमींदारी उन्मूलन अधिनियम के लागू होने से देश के गरीब तबके को भारी फायदा पहुचां है और वह आर्थिक रूप् से सशक्त हुआ है।