बभनान/गौर (बस्ती) ! जनपद में एक ऐसा गाँव है जहां आजादी के बाद से अब तक गाँव के लोगों ने बिजली की रोशनी नहीं देखी।विभागीय उदासीनता व ठेकेदारों की मनमानी के कारण आज तक अंधेरे में है। मनमानी का आलम ये है कि चार महीने से खंभे खड़े होने के बाद रोशनी नही दिख रही, इतना ही नहीं इस गाँव तक जाने के लिए न तो पक्की सड़क है न ही इस गाँव के लोगों के पास बुनियादी सुविधाएं नही पहुंच पायी हैं।
बस्ती जनपद मुख्यालय से 30 किमी की दूरी पर हर्रैया तहसील के अंतर्गत आने वाले नगर पंचायत बभनान के वार्ड न0 1 अम्बेडकर नगर के कालीदीन पुरवा आज भी बुनियादी सुविधाओं से मरहूम है। ग्राम वासियो ने कई बार धरना और शिकायते कीलेकिन कोई सुनवाई नही हुई
गाँव के निवासी रविन्द्र कुमार 28 वर्ष से जब गाँव की समस्याओं पर बात शुरू की तो धीरे-धीरे और लोग एकत्र हो गए। चर्चा के दौरान पता चला कि करीब एक वर्ष पहले चुनाव के बाद यहां पर बिजली का कार्य एल एंड टी प्राइवेट ठेके के द्वारा शुरू किया गया था ,गांव-गांव बिजली पहुंचाने के लिए सरकार ने ठेका प्रथा से काम कराना शुरू कराया। जो पिछले एक साल से क्षेत्र में विद्युतीकरण कार्य चल रहा है। आज से चार माह पूर्व उक्त गांव में ठेकेदार द्वारा द्वारा खम्भे गड़वा दिए गए और तार भी खींच दिए गए ,पर पोल पर केबल खीचने के बाद भी सप्लाई गांव में आज तक चालू नहीं हो पायी है।
ग्रामवासी अनिल वर्मा का कहना है कि गांव में जब लाइट के लिए खम्भे लगे तो लगा कि गांव में अब उजाला हो जाएगा, अब चार महीने बीत गए खम्भों पर तार खींचे जाने के बाद भी बिजली का नामोनिशान नही है ,खम्बे लगाने और तार जोड़ने के बाद कार्य को रोक दिया गया ,तार को बिजली के मेंन सप्लाई से नही जोड़ा गया ,और आज तक यहां कोई जिम्मेदार दिखाई नही दिया ।
गांव निवासी महफूज बताते हैं, नेता यहां सिर्फ पांच वर्ष में एक बार चुनाव के समय आते हैं। उसके अलावा कोई अधिकारी कभी यहां नहीं आया। कहने को तो ये गाँव नगर पंचायत बभनान का हिस्सा है, लेकिन उपेक्षित होने के नाते ने यहां पर किसी नेता ने विकास कार्य कराने में रुचि नहीं ली।इस गाँव की निवासी गीता ने बताया, यहां पता नहीं कैसे खम्भे और तार तो लग गए हैं पर अब तक बिजली नहीं आयी। कई पीढ़ियां रोशनी की राह देखत-देखते खत्म हो गईं पर बिजली नहीं आयी।
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