बीएसए कार्यालय में शिक्षक ने मचाया हंगामा, खण्ड शिक्षा अधिकारी सहित बाबू पर लगाये गम्भीर आरोप
गोण्डा। यूं तो जनता में यह धारणा पुरी तरह बैठ चुकी है कि किसी भी सरकारी विभाग में कोई भी कार्य बिना घूस दिये होनी नहीं है परन्तु इस बदनामी में कोन बाजी मारता है इसके लिए शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग में जबरदस्त जंग चल रही है जिसमें शिक्षा विभाग बाजी मारता नजर आ रहा है जिसका प्रमाण आज बीएसए कार्यालय पर घटी यह घटना दे देती है।
जनपद के पंतनगर में स्थित बीएसए कार्यालय के आस पास रहने वालों में आज उस समय हडकंप मच गया जब एक शिक्षक शोर मचाते हुए कार्यालय से बाहर आया और इस भीषण ठंढ में भी अपने कपडे उतार कर जोर जोर से शोर मचाते हुए अपना पर्स निकालकर जमीन पर फेंक दिया, इतना ही नहीं अपनी जेब में ही रखे हुए पांच पाचं सौ के कई नोट भी निकाल कर उसने बीएसए कार्यालय के गेट के पास ही फेंक दिया साथ ही कार्यालय के ही एक कर्मचारी और एक खण्ड शिक्षाधिकारी को लेकर आक्रोशित भाषा का प्रयोग करने लगा।
बुरी तरह से आक्रोशित शिक्षक से जब बात करने की कोशिष की गयी तो उसने जो मामला बताया वह अपने आप में बेहद ही चौंकाने वाला था। शिक्षा क्षेत्र कटरा बाजार के एक विद्यालय में बतौर सहायक अध्यापक अध्यापन कार्य करा रहे शिक्षक प्रवीण कुमार सागर ने बताया कि उसकी पत्नी भी शिक्षा विभाग में अध्यापक है उसका बच्चा बीमार है और चिक्तिसालय में भर्ती है, बच्चे की देखभाल के लिए उसे अवकाश की आवश्यकता है जिसके लिए उसने जब आवेदन किया तो खण्ड शिक्षा अधिकारी ओर कार्यालय के बाबू जनमेजय द्वारा उससे तीस हजार रूप्ये की मांग की जा रही है।
बुरी तरह आक्रोशित शिक्षक ने बाबू को गाली देते हुए कहा कि यहां भीख मांगी जा रही है मेरा हक है अवकाश लेना जिसके लिए भी रिश्वत मांगी जा रही है मैं किसी को भी रिश्वत नहीं दूगा चाहे मुझे नौकरी ही क्यों न छोडनी पडे। शिक्षक प्रवीण से जुडी यह घटना एक बार फिर प्रमाणित कर रही है कि शिक्षा विभाग वास्तव में भ्रष्टाचार में बाजी मार रहा है। चाहे बच्चों से जुडी सुविधाओं की बात हो चाहे विद्यायल भवन निर्माण की बात हो चाहे एमडीएम की बात हो सभी में घोटालों पर घोटाले किये जा रहे है जिसमे विभाग के सामान्य कर्मचारी से लेकर बडे अधिकारियों सभी की संलग्नता रहती है।
फिलहाल जब इस विषय पर अपने आप को बेदाग दिखा रहे बीएसए मनीराम सिंह से बात करने की कोशिश की गयी तो उन्होनें फोन उठाने की भी जहमत नही उठाई।