गोण्डा। अभी शिक्षक द्वारा एबीएसए और विभागीय कर्मचारी द्वारा हजारों की रिश्वत मांगने का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि बेसिक शिक्षा विभाग का एक और भ्रष्ट कारनामा सामने आ गया। हैरानी की बात तो यह रही कि इस बार भी अपने आपको बेदाग दिखाने वाले भ्रष्ट विभाग के मुखिया ने कोई जवाब नहीं दिया।
जी हां मामला जनपद मुख्यालय स्थित बेसिक शिक्षा विभाग कार्यालय का है जहां बुधवार को एक शिक्षक ने खण्ड शिक्षा अधिकारी ओर कर्मचारी जनमेजय द्वारा छुटटी देने के नाम पर 30000 की रिश्वत मांगने पर एक बडा हंगामा खडा कर दिया परन्तु जिम्मेदार बेसिक शिक्षा अधिकारी ने अपनी जिम्मेदारी निभाना तो दूर मामले में कुछ न बोलकर अप्रत्यक्ष रूप से इस भ्रष्ट आचरण में कही न कही अपनी भी सहभागिता की स्वीकृति ही दी है।
कुछ इसी तरह का एक नया मामला भी इसी बीएसए कार्यालय से जुडा हुआ है, बीएसए कार्यालय के समक्ष ही विभाग की ओर से शौचालय का निर्माण कराया जा रहा है जहां ठेकेदार द्वारा खुलेआम मानकविहीन पीले ईटों का प्रयोग किया जा रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि ठेकेदार ने पीले ईटों को ढेर सडंक के किनारे ही लगा रखा हे जिसपर आते जाते बीएसए की निगाह भी जरूर पडती होगी परन्तु शायद रिश्वत में मिली पैसो की गर्मी ने उन्हें इस ओर ध्यान डालने नहीं दिया। इस विषय पर जब वही मौजूद अपने आपको ठेकेदार बताने वाले एक शख्श से बात की गयी तो उसने जैसे रटे हुए शब्दों में पीले ईटों को सही ठहराते हुए बताया कि यह ईट पांड बनाने के लिए आयी है। जबकि निर्माणाधीन शौचालय में भी वही ईटे लगी थी जो ढेर में रखी हुयी थी अर्थात पूरे का पूरा शौचालय की पीले ईटों से निर्मित किया जा रहा है परन्तु जिम्मेदारो ंने अपनी आंखें मूदं रखी है।
पूर्व की भातिं इस विषय पर भी जब बीएसए मनीराम से जानकारी चाहने की ईच्छा से उनके सीयूजी नम्बर पर काल किया गया तो उन्होनें मामले को समझना उस पर जवाब देना तो दूर फोन उठाना भी मुनासिब नही समझा जिससे आसानी से समझा जा सकता है इस विभाग रूपी पूरे कुयें में ही भांग पडी हुयी है।