स्वास्थ्य विभाग के भ्रष्टाचार को छुपाने का लग रहा आरोप
गोण्डा। भाजपा के एक विधायक द्वारा स्वास्थ्य विभाग के कुछ अधिकारियों द्वारा सरकारी धन के दुरूप्योग की शिकायत पूर्व में मुख्यमंत्री से की गयी थी जिसकी जांच मण्डलायुक्त को करनी थी परन्तु मण्डलायुक्त द्वारा किसी और को जांच सौंपने से जांच पर पडने वाले प्रतिकूल प्रभाव को लेकर नगर विधायक ने भी योगी को पत्र लिखते हुए मण्डलयुक्त पर कई गम्भीर आरोप लगाये है।
मामला स्वास्थ्य विभाग से जुडा हुआ है, सीएमओ डा मधु गैरोला और जिला क्षय रोग अधिकारी डा मलिका आलमगीर पर करोडो रूप्ये के जनता के धन का दुरूप्योग करने का आरोप लगाते हुए विधायक तरबगंज प्रेमनरायण पाण्डेय ने मुख्यंमत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत की थी जिसको संज्ञान लेते हुए मण्डलायुक्त को सीधे जांच अधिकारी नामित करते हुए शासन द्वारा सात दिनों में जाचं रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया गया था परन्तू मण्डलयुक्त ने स्वयं जांच न कर अन्य मण्डल स्तरीय अधिकारियों से जाचे कराई गयी, जांच कमेटी अपनी रिपोर्ट सौपती इससे पहले ही मण्डलायुक्त द्वारा जांच जिलाधिकारी और अपर निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को सौपं दी गयी।
श्री योगी को भेजे पर में नगर विधायक प्रतीक भूषण सिंह ने मण्डलायुक्त पर गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा है कि जब चार माह स ेचल रही जांच जिसकी रिपोर्ट आने ही वाली थी उस समय कमेटी को बदल कर जिला स्तरीय अधिकारी को दे देना कही न कही दाल में काला की ओर इशारा कर रहा है जानबूझकर जांच को टालने और सत्य को छुपाने का प्रसास दिखाई देता है।
उन्होनें सीधे आरोप लगाते हुए कहा है कि शिकायत को कमजोर करने के लिए विभाग के अधिकारी आपसी गठजोड कर यह षणयंत्र रच रहे है कि शासन का हवाला देकर अपने पद प्रभाव से किसी तरह जनपद के व्यय की समीक्षा रिपोर्ट को तोड मोड कर प्रस्तुत करते हुए भुगतान पर लगी रोक को हटवाकर ऐनकेन प्रकरेण भुगतान करा लिया जाये।
विधायक ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि की जब तक जांच निस्तारित नहीं हो जाती तब तक किसी भी तरह के भुगतान पर रोक बहाल रखते हुए जांच को लटकाने और भटकाने के आरोपियों पर भी जांच कर कार्यवाही की जाये।