लाहौर पाकिस्तान। आज पाकिस्तान की एक कोर्ट ने एक ऐसा फैसला सुना दिया जिसने इस आंशका को सिद्व कर दिया कि पाकिस्तान में कोर्ट का भी राजनैतिक प्रयोग धडल्ले से किया जा रहा है। साथ ही पाकिस्तान में न्याय व्यवस्था किसी तरह राजनैतिक दलों की कठपुतली बन चुकी है इसे भी साबित कर दिया है।
ज्ञातव्य है कि विगत 17 दिसम्बर को इस्लामाबाद में गठित की गयी स्पेशल कोर्ट ने पूर्व राष्ट्पति और तानाशाह जनरल परवेज मुर्सरफ को फांसी की सजा सुनाई थी, देश द्रोह के इस हाईप्रोफाइल मामले की सुनवाई पिछले छव वर्षो स ेचल रही थी। इसी मामले को लेकर आज लाहौर हाईकोर्ट ने इस्लामाबाद की स्पेशर कोर्ट के गठन पर ही प्रश्नचिन्ह लगाते हुए उसके गठन को असंवैधानिक करार दे दिया है।
तनाशाह और जनरल परवेज मुर्सरफ पर यह मामला वर्ष 2013 में तत्कालीन मुस्लिम लीग की नवाज शरीफ सरकार के समय चलाया गया था। पिछले दिनों दिये गये मृत्यूदंड के फैसले पर आपत्ति जताते हुए परवेज मुर्सरफ ने लाहौर उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करते हुए कहा था कि यह फैसला इस्लामाबाद की स्पेशल कोर्ट के क्षेत्राधिकार से बाहर है इसलिए यह असंवैधानिक होते हुए अवैध भी हैं इसलिए इस आदेश को खारिज किया जाये।