लखनउ। शिक्षकों की प्रस्तावित तालाबंदी पर जारी शासन के पत्र को शिक्षकों के गृप में पोस्ट करने से बुरी तरह भडके इन्चार्ज शिक्षक ने सभ्यता की सीमायें लांघते हुए महिला शिक्षक को अनाप शनाप बक डाला, इतना ही नहीं उसे उसके पोल खोलने तक की धमकी दे डाली। हैरानी की बात तो यह रही कि घटना की लिखित में शिकायत होने के बाद भी विभाग ने अब तक कार्यवाही तो दूर विषय पर बात करना तक मुनासिब नही समझा।
घटना जनपद के प्राथमिक विद्यालय धावापुर मे कार्यरत शिक्षिका गीता वर्मा से जुडा हुआ है जिन्होनें शिक्षक संघ द्वारा प्रस्तावित तालाबंदी पर अपर मुख्य सचिव शिक्षा रेणुका कुमार द्वारा विद्यालयों के संचालन सम्बधी पत्र को खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा बनाये गये व्हाटसएप्प गृप पर पोस्ट कर दिया था। प्राथमिक शिक्षक संघ से जुडे और इस गृप् में भी सम्मिलित शिक्षक सुधांशू मोहन को यह पोस्ट न जाने क्यों इतनी नागवार गुजरी कि उन्होनें सारी मर्यादाओं को ताक पर रखते हुए और महिला की अस्मिता को चोट पहुचांते हुए गीता वर्मा को नौकरी से बर्खास्त कराने की धमकी तक दे डाली, इतना ही नहीं उन्होनें अपनी विक्षिप्त मानसिकता का परिचय देते हुए इतना तक कह डाला की अपने गिरेबान में झांक लिया करों मैं पोस्ट करना शुरू करूंगा तो नौकरी भी हाथ नहीं लगेगी। हैरानी तो इस बात की रही कि उन्होनें यह कहते हुए कि लोग ऐसे पोस्ट कर रहे है जैसे रेणुका कुमार यही हों, अपर मुख्य सचिव की तुलना एक सामान्य शिक्षक से करते हुए उनकी भी तौहीन कर डाली।
पुरूष शिक्षक की इस धमकी और बदसलूकी से आहत शिक्षिका गीता वर्मा ने मामले की शिकायत लिखित में खण्ड शिक्षाधिकारी से की परन्तु यहां भी उसे उसी पुरूष प्रमुख मानसिंकता का सामना करना पडा, घटना के लगभग दो दिन बीत जाने के बाद भी शिकायत पर कोई कार्यवाही न करते हुए अप्रत्यक्ष रूप् से खण्ड शिक्षाधिंकारी सरोजनीनगर शिवनन्दन सिंह ने सुधाशु मोहन के कुकृत्य का समर्थन ही किया।
खण्ड शिक्षाधिकारी शिवनन्दन सिंह ने अपने इस अशोभनीय समर्थन का प्रमाण उस समय भी दिया जब उनके इस घटना पर अब तक की गयी कार्यवाही की जानकारी के लिए सम्पर्क किया गया तो उन्होनें जानकारी देना तो दूर फोन उठाना तक मुनासिब नहीं समझा।