मुरादाबाद ! पीतल नगरी निवासी शेखर भटनागर ने अपने कुत्ते के कान में हुए पस का इलाज करवाने के लिए सदर प्रभारी डॉ पी डी जैन से फोन के माध्यम से संपर्क किया तो डॉक्टर जैन ने उन्हें अस्पताल आने की सलाह दी ! पशुपालक अस्पताल पहुंचा तो पशुपालक से सबसे पहले ₹300 जबरन वसूले गए तथा बिना चेकअप किए वहां के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने 3 इंजेक्शन लगा दिए, कर्मचारी ने लगाए हुए इंजेक्शन की कोई जानकारी नहीं दी ना ही लगाई गई दवाइयों की एक्सपायरी डेट देखने दी ! इंजेक्शन लगाने के 5 मिनट बाद बीमार कुत्ता अपने मुंह से झाग छोड़ने लगा और उसकी मृत्यु हो गई !
अस्पताल के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से चर्चा के दौरान पता चला कि वहां के प्रभारी डॉ पी डी जैन कभी भी स्वयं इलाज नहीं करते हैं जबरन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से ही इलाज करवाते हैं फिलहाल विदेशी नस्ल के महंगे कुत्ते की इलाज में हुई लापरवाही से मौत पर पीड़ितों के बढ़ते आक्रोश को देख अस्पताल के अन्य कर्मचारी और अधिकारी बढ़ता देख अस्पताल में एक आई एक पशु चिकित्सा अधिकारी इकट्ठे होने लगे और मामले को दबाने की नीयत से पशु स्वामी को डराने और धमकाने भी लगे इसपर पशु स्वामी ने एसएसपी से भी इंसाफ की गुहार लगाई जिसके बाद थाने की तरफ से पोस्टमार्टम के लिए पत्र जारी हुआ !
इसपर भी सभी नियमों को ताक पर रखते हुए पशु के शव का पोस्टमार्टम वही के चिकित्सा अधिकारियों द्वारा नगर निगम के डियर पार्क के सामने स्थित कूड़े के ढेर पर किया गया, यहां बड़ा सवाल यह भी खड़ा होता है कि क्या कूड़े के ढेर पर पोस्टमार्टम किया जाना उचित था, सवाल यह भी खड़ा होता है कि आरोपी चिकित्सालय के अतिरिक्त पोस्टमार्टम कहीं और के अधिकारी द्वारा नहीं होना चाहिए था क्योंकि पीड़ित की माने तो उस पर अनुचित दबाव डालने में अस्पताल के सभी डॉक्टर शामिल थे फिर उन्ही द्वारा किया गया पोस्टमार्टम कितना निष्पक्ष होगा आसानी से जाना जा सकता है !
फिलहाल अब देखते हैं कि पीड़ित को इंसाफ मिलता है यह पहले की ही तरह इस मामले को भी दबा दिया जाता है
मुरादाबाद के पशु अधिकारियों नहीं पोस्टमार्टम क्यों किया जब जरा सी बीमारी होने पर भी यहां के डॉक्टर पशु को बरेली और पंतनगर रेफर करते हैं तथा किसी पशु की सर्जरी होनी हो तो उसे भी रेफर कर देते हैं यह कहकर कि यहां ऑपरेशन संबंधी सुविधा उपलब्ध नहीं है तो आनन-फानन में यह पोस्टमार्टम किस लिए किया गया कि ताकि मामले को निपटाया जा सके तथा गलत पोस्टमार्टम रिपोर्ट बनाई जा सके !