लाइफस्टाइल स्वास्थ्य

नाइट शिफ्ट करते हैं तो हो जाइए सावधान, हो सकती हैं ये बीमारियां

आजकल की बिजी लाइफस्टाइल में काम करने का तरीका भी बदल गया है. पहले जहां हम दिन में काम करते थे और रात को आराम. वहीं आज हम नाइट शिफ्ट में काम करने को ज्यादा पसंद करते हैं. नाइट शिफ्ट में काम भले ही कम करना होता है, लेकिन सेहत के लिहाज से यह शिफ्ट नुकसानदेह होती है. नए क्षेत्रों के आ जाने से अब काम शिफ्टों में होने लगा है.

आईटी, मीडिया, बीपीओ, फैशन हाउस, इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट के साथ-साथ औद्योगिक इकाइयों में भी नाइट शिफ्ट में काम करने का चलन तेजी से बढ़ा है. वॉशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी का शोध कहता है कि नाइट शिफ्ट में काम करने वाले लोगों में दिल संबंधी बीमारी और कैंसर की संभावना बढ़ जाती है. शोधकर्ताओं के अनुसार, नाइट शिफ्ट का सबसे बुरा असर पाचनतंत्र पर पड़ता है. क्योंकि जिस वक्त हमारे पाटनतंत्र को आराम की जरूरत होती है, उस समय या तो हम खा रहे होते हैं या बैठकर काम कर रहे होते हैं. इससे मोटापा व मधुमेह की संभावना कई गुना बढ़ जाती है.

अगर आप भी रात की शिफ्ट में काम करते हैं तो आपको सावधान होने की जरूरत है, क्योंकि नाइट शिफ्ट में दिमाग को पर्याप्त आराम नहीं मिल पाता. आगे चलकर यह मस्तिष्कघात का कारण भी बन सकता है. पांच साल या उससे ज्यादा समय से अगर आप नाइट शिफ्ट में काम कर रहे हैं, तो आपका दिमाग नाइट शिफ्ट में काम न करने वालों की तुलना में 6.5 साल अधिक बूढ़ा हो जाएगा. इससे आपकी सोचने-समझने की शक्ति का कमजोर होना, याददाश्त कमजोर होना आदि समस्या हो सकती हैं.

नाइट शिफ्ट में इन बातों का ध्यान
-नाइट शिफ्ट में काम करते हैं, तो दिन में सोते वक्त अंधेरा रखें.

-सोने के लिए शांत जगह का चुनें.

-रात में ड्यूटी जाने से पहले एक घंटे की छोटी नींद जरूर लें.

-रात में काम करते समय चॉकलेट, जंकफूड की बजाय, सलाद या फल का सेवन करना ज्यादा अच्छा है.

-रात में काम करते समय चाय, कॉफी या शीतल पेय न लें.

-ड्यूटी पूरी होने के बाद जब भी घर पहुंचें, तो खाली पेट न सोएं. हल्का-फुल्का खाकर ही सोएं.

-नींद नहीं आ रही है, तो दवा या अल्कोहल का प्रयोग बिल्कुल न करें.

About the author

राजेंद्र सिंह

राजेंद्र सिंह (सम्पादक)

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