गोण्डा ! जिले के स्वास्थ विभाग पर कोरोना जैसी घातक बीमारी से बचाव के लिये सरकार के द्वारा उपलब्ध कराये जा रहे सामानो की आपूर्ति मे अनियमितता बरतने का आरोप विभाग के ही एक कर्मचारी द्वारा लगाया जा रहा है। हालांकि हमेशा की तरह इस मामले मे भी जिले की मुखिया सी एम ओ ने औपचारिकता निभाते हुए शिकायत सही पाये जाने पर आवश्यक कार्यवाही किये जाने की रटी रटाई भाषा ही दोहराई है।
एक तरफ जहाँ पूरी दुनिया कहर बन चुके कोरोना वायरस से जंग लड़ने के लिये युध्द स्तर पर बचाव की तैयारी कर रही है वही जिले का स्वास्थ विभाग इस तैय्यारी मे अपने प्राथमिक स्तर को भी मजबूत नही बना पा रहा है।इस की पुष्टि विभाग के करमचारी स्वयं कर रहे हैं।
जिले के सी एच सी, रुपैइडीह ब्लॉक खर्गुपुर मे तैनात चीफ फर्मासीस्ट डॉक्टर अखिलेश सिंह ने जिले के सी, एम, एस, डी,स्टोर के फर्मासीस्ट पर आरोप लगाते हुए कहा है की वह अस्पताल के करमचारीयों के लिये मास्क व सैनेटाईजर लेने के लिये एम ओ आई सी के आदेश पर गया था,जहाँ उसे भद्दी भद्दी गलियां दी गयी और100 मास्क के आपूर्ति पर साईन करा कर मात्र 50 मास्क ही दिया गया। सैनेटाईजर की मात्र दो बोतल ही दी गयी जबकी लिक्विड दवा भी 5 लीटर एक जार मे दिया गया जो बहुत ही कम है। सबसे बड़ी बात यह है की उससे गलत तरीके से ज्यादा सामानो की आपूर्ति पर साईन कराया गया और समान कम दिया गया जो की बहुत बड़ी अनियमितता है। उनका कहना है की बिना संसाधनो के स्वास्थ करमचारी अपनी जान को खतरे मे डाल कर ड्यूटी कर रहे हैं वहीं विभाग इस घोर लापरवाही पर चुप्पी साधे हुए है।
ध्यान देने योग्य बात यह है की अस्पताल कर्मचारियों को मिलने वाला मास्क हर 6घन्टे पर बदला जाता है यदि जिला अस्पताल की ही बात करें तो प्रतिदिन करीब 30 कर्मचारी ओ पी डी बन्द होने पर भी काम पर लगे हुए हैं लेकिन उन्हे भी विभाग मास्क वा सैनेटाईजर उपलब्ध नही करा पा रहा है।
ऐसे मे जिले के प्रत्येक सी एच सी व पी एच सी पर कार्यरत कर्मचारियों को कितना संसाधन उपलब्ध कराया जा रहा है इसकी पोल खुद विभाग के लोग ही खोल रहे है। स्वास्थ विभाग व जिला प्रशासन लाख दावे भले ही कर रहा है की जिले मे मास्क, सैनेटाईजर की कोई कमी नही है लेकिन हक़ीक़त यह है की स्वास्थ विभाग के लोग खुद ही इन दोनो चीजों की भयंकर कमी से जूझ रहे हैं जबकि आम जनमानस को ये दोनो ही चीजें मनमानी कीमतों मे बेचा जा रहा है।
अपने ही विभाग के स्टोर फर्मासीस्ट पर लगाये गये आरोप पर जवाब देते हुए सी एम ओ डॉक्टर मधू गैरोला का कहना है की रविवार होने की वजह से वह इस बारे मे सम्बन्धित फर्मासीस्ट से कोई बात नही कर सकी है। लेकिन यदि शिकायत सही है तो यह गंभीर बात है जिस पर सम्बन्धित पर सख्त कार्यवाही की जायेगी।
विभाग के अंदर से उठी बगावत की यह लहर ऐसे समय उठी है जब विभाग को हाई एलर्ट मोड पर दिखाया जा रहा है बाहर मची अफरा तफरी पर अंकुश लगने के लिये प्रशासन सतर्क है लेकिन असल मे लोगो की जान बचाने के लिये हर वक़्त मुस्तैद रहने वाले मेडिकल टीम की जान की परवाह खुद विभाग के अफसरों को ही नही है।