– जिला अस्पताल के मानसिक रोग विभाग ने जारी किया हेल्पलाइन नंम्बर 6392540889
– लॉकडाउन के इस दौर में लोग न हों मानसिक रूप से बीमार, हेल्पलाइन नंम्बर पर निःशुल्क कॉउंसलिंग और परामर्श की सुविधा दे रही सरकार ।
गोंडा| एक ओर लॉकडाउन के चलते लोगों की भागती-दौड़ती जिंदगी का एकाएक रुक जाना, तो वहीं दूसरी ओर अन्य प्रांतों एवं शहरों में दिन ब दिन कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती हुई संख्या लोगों के मानसिक स्वास्थ्य स्तर पर बुरा प्रभाव डाल रही है । भारी संख्या में लोग नींद न आने, मन में नकारात्मक विचार आने, उदासी, घबराहट, अकेलापन महसूस होना और सर दर्द जैसी मानसिक समस्याओं के गिरफ्त में आ सकते हैं ।
लोगों को ऐसी स्वास्थ्य समस्या से सुरक्षित रखने के लिए सरकार की ओर से राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत हेल्पलाइन नम्बर द्वारा लोगों को घर पर ही निशुल्क परामर्श प्रदान करने की सुविधा शुरू की गयी है ।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मधु गैरोला का कहना है जिले के लोगों की मानसिक परेशानी के लिए मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत तैनात डॉ. रंजना गुप्ता नैदानिक मनोवैज्ञानिक को यह जिम्मेदारी दी गई है । सीएमओ ने बताया कि काउंसलिंग के काम में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के मनोचिकित्सक डॉक्टर अशोक सिंह, नैदानिक मनोवैज्ञानिक डॉ रंजना गुप्ता के अलावा एनएमएचपी की टीम को लगाया गया है, जो लोगों की मानसिक स्वास्थ संबंधी समस्याओं के निदान पर काम कर रहे हैं । साथ ही यह टीम जिले में बनाए गए शेल्टर होम का भ्रमण कर वहां क्वॉरेंटाइन किए गए लोगों का भी काउंसलिंग करती है ।
लॉकडाउन के दौरान मनोवैज्ञानिक प्रभाव व उसके निवारण के उपाय –
डॉ रंजना गुप्ता, नैदानिक मनोवैज्ञानिक ने बताया कि लॉकडाउन के इस दौर में कुछ लोग विभिन्न मानसिक समस्याओं जैसे नींद न आना, गुस्सा अधिक आना, पति-पत्नी में झगड़े अधिक होना, चिड़चिड़ापन, भविष्य के लिए डर पैदा होना जैसी समस्याओं से ग्रसित हो रहे हैं । डॉ. रंजना का कहना है कि ऐसा लोगों की दिनचर्या में होने वाले एकाएक बदलाव के कारण है । ऐसे में लोगों को संयम, धैर्य व साहस बरतने की खास जरूरत है । जल्द ही सब कुछ ठीक हो जाएगा ऐसी मनोवृति बनाना सबके लिए बेहतर होगा।
हेल्पलाइन नंबर पर आने वाले कॉल्स में लोग बता रहे कुछ ऐसी परेशानियां –
- स्वयं और अपने प्रियजनों के स्वास्थ्य के लिए अधिक चिंतित होना ।
- सुबह से शाम तक नकारात्मक विचारों का आना ।
- नींद व खानपान में असामान्य परिवर्तन का सामना करना ।
- नशीले पदार्थों का अधिक सेवन करना ।
व्यक्ति निम्नलिखित बातों को अपनाकर कोरोना से जुड़े मनोदैहिक समस्याओं से अपने आप को सुरक्षित रख सकता है –
– कोरोना से जुड़ी हर बात, हर खबरें हर समय ना सुनें । जितनी जानकारी के लिए जरूरी हो, उतना ही देखें ।
– गूगल और सोशल मीडिया पर कोरोना संबंधी अधिक जानकारी इकट्ठा करने का प्रयास ना करें ।
– दिमाग और शरीर के बीच का संतुलन बनाकर रखें ।
– अपनी सोंच को सकारात्मक बनाएं । सोंचें कि यह समय शीघ्र समाप्त हो जाएगा, पुनः हम लोग अपना जीवन सामान्य ढंग से जी सकेंगे ।
– भविष्य की योजनाओं को लेकर किताबें पढ़िए । अपना ज्ञान बढ़ाकर क्वालिटी टाइम बिता सकते हैं ।
– रात में सोने से पहले कोरोना संबंधी सूचना को देखकर, सुनकर या पढ़कर न सोयें ।
– अपने दिनचर्या को नियमित रखें, सुबह उठने एवं रात में सोने का समय निर्धारित करें, खाना खाने का समय भी निर्धारित करें ।
लॉकडाउन को न समझें बोझ –
डॉ रंजना ने बताया कि हेल्पलाइन नंबर पर काफी लोगों के प्रश्न आते हैं कि लॉकडाउन के चलते मैं फंस गया हूं । ऐसे में क्या करना चाहिए । जिसमें उनकी काउंसलिंग की गई और यह बताया गया कि ऐसी स्थिति में हमें दूसरे पहलू पर गौर करना चाहिए कि घर में रहने पर ही हम सब सुरक्षित हैं । यह सोंच-सोंचकर न परेशान हों कि सरकार सबकुछ कैसे नियंत्रित करेगी । बल्कि यह तय करिए कि मैं खुद को नियंत्रित करके संयम रखकर सरकार की मदद कर सकता हूं । यह हमारी भलाई के लिए ही है । परेशान होने के बजाय अपनी मनोदशा को मजबूत करके इस खराब समय के बीतने की प्रतीक्षा करें और खुद के अंदर एक जिम्मेदार नागरिक की तरह संयम रखें ।
अगर फिर भी किसी प्रकार की मानसिक समस्या महसूस होती है, तो मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत तैनात डॉ रंजना गुप्ता, नैदानिक मनोवैज्ञानिक से हेल्पलाइन नंबर 6392 540 889 पर सुबह 9:00 से शाम 6:00 बजे तक निशुल्क परामर्श ले सकते हैं । हेल्पलाइन पर काउंसलिंग की सुविधा उपलब्ध है, जिसमें व्यक्ति की मानसिक दिक्कतों एवं परेशानियों के निवारण हेतु जरूरी उपाय बताए जाएंगे ।
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