उत्तर प्रदेश गोंडा स्वास्थ्य

आंगनबाड़ी माया बनीं कोरोना योद्धा, घर-घर बांट रहीं मास्क

  • अपने मासिक वेतन से सामग्री इकट्ठा कर तैयार कर रहीं मास्क ।

– अब तक दैनिक मजदूरी करने वाले श्रमिकों, किसानों, क्वारेंटीन लोगों एवं पुलिसकर्मियों को एक हजार से अधिक मास्क किया वितरित ।

– अधिकारियों ने भी की माया के सेवाभाव की सराहना ।

– मुख्यमंत्री राहत सहायता कोष में भी दिया दान ।

गोंडा| यूँ तो कोरोना वायरस से जंग लड़ने में हर देशवासी अपने यथा शक्ति एक दूसरे की मदद कर रहा है । कोई खाद्य सामग्री बांट रहा है, तो कोई मास्क वितरित कर समाज की मदद कर रहा है। लोग इस वैश्विक महामारी में देश की रक्षा करने में हर संभव प्रयास कर रहे हैं । देश सेवा के इस नेक काम में एक नाम मनकापुर ब्लॉक के बन्दरहा गांव की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता माया उर्फ माधुरी का भी है, जो अपने मासिक कमाई के पैसों से सामग्री इकट्ठा कर मास्क तैयार कर रही हैं तथा लोगों को कोरोना संक्रमण के बचाव के लिए मास्क वितरित कर रही हैं । उन्होंने अब तक एक हजार से अधिक लोगों को मास्क वितरित किया है ।

माया ने कोरोना के खिलाफ छिड़े विश्व व्यापी जंग में मास्क बनाकर लोगों को वितरित करना तथा इसके उपयोग के प्रति लोगों को जागरुक करना ही अपना हथियार माना है । माया स्वयं अपने मासिक मानदेय से कपड़े व अन्य सामग्री सामग्री खरीदकर स्वयं सिलाई की मशीन चलाकर मास्क तैयार कर रही हैं तथा अपने गाँव व आसपास के लोगों को मास्क वितरित कर उन्हें इसके फायदों के बारे में जागरुक कर रही हैं । उनका यह काम कोरोना वायरस की जंग में जनता को सहयोग प्रदान करने के लिए एक अनूठी पहल है।

पति का मिला साथ, तो समाजसेवा की बनी बात –

माया का कहना है कि गाँव में लोग जानकारी और पैसों के अभाव में मास्क का इस्तेमाल नहीं कर रहे थे l तभी मैंने मास्क बनाकर लोगो को इस कोरोना वायरस से बचाने के लिए अपने पति से बात की l पति ने मेरे इस सोंच की सराहना करते हुए कहा की कि यह बहुत अच्छा मानवीय कार्य है । इसमें उन्होंने मुझे पूर्ण सहयोग दिया | माया ने कहा कि मास्क के लिए मोटे फैब्रिक, काटन या अन्य कोई मोटा सूती कपड़ा जिसको दो परतों में काटकर मॉस्क बना सकते हैं की आवश्यकता होती है । मोटा फैब्रिक होने से वह सुरक्षित रहेगा और उसे धोने में भी आसानी होगी । स्कार्फ या रुमाल को अगर मास्क की जगह इस्तेमाल कर रहे हैं तो भी अच्छा है | उन्होंने बताया कि बाजार में मॉस्क न मिलने पर उसे आसानी से घर पर भी बनाया जा सकता है और अपने आप को और अपने से संपर्क में आये लोगों को सुरक्षित रखा जा सकता है |

हजारों लोगों को वितरित किया मास्क –

माया उर्फ माधुरी का कहना है उन्होंने अपने पति के सहयोग से अब तक अपने घर में एक हजार से अधिक मास्क तैयार किया और अपने गाँव व आसपास के क्षेत्र में खेती-किसानी करने वाले लोगों, फल-सब्जियां बेचने वाले ठेले वालों के अलावा कोरोना की लड़ाई में खड़े यौद्धाओं जैसे पुलिस कर्मी, सफाई कर्मी आदि लगभग एक हजार से अधिक लोगों को मास्क वितरित किया है । साथ ही साथ इन लोगों को कोरोना संक्रमण से बचने में मास्क के उपयोगिता के बारे में जानकारी देते हुए मास्क के प्रयोग का बढ़ावा देने हेतु पूरा प्रयास कर रही हैं ।

डीपीओ मनोज कुमार ने बताया कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता माया उर्फ माधुरी क्षेत्र भ्रमण के दौरान खुद तो मास्क लगा ही रहीं हैं, वह स्वयं मास्क बनाकर महिलाओं, बच्चों व ग्रामीणों सहित अन्य लोगों को भी मास्क उपलब्ध करा रहीं हैं । इतना ही नहीं माया ने मुख्यमंत्री राहत सहायता कोष में भी यथा दान दिया है । माया की यह सेवाभाव बहुत ही सराहनीय, अनूठी एवं प्रेरणादायक पहल है।

वहीं मुख्य सेविका सुनीता सिंह ने बताया कि कार्यकर्त्रीयों द्वारा ग्रामीणों को मास्क लगाने, हाथों को साबुन से बार-बार धोने, स्वच्छता रखने, एक-दूसरे के बीच सोशल डिस्टेंस बनाए रखने और लॉकडाउन का पालन करने के बारे में भी समझा रही है। साथ ही उनके द्वारा लोगों को सलाह दी जा रही है कि कहीं भी भीड़ नहीं लगाएं। मास्क को साबुन और गरम पानी में अच्छे से धोएं और इसे धूप में कम से कम पांच घंटे तक सूखने दें । यदि धूप उपलब्ध नहीं है तो मास्क को प्रेशर कुकर में पानी डालें और इसे कम से कम 10 मिनट तक उबालें और सूखने दें।

About the author

राजेंद्र सिंह

राजेंद्र सिंह (सम्पादक)

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