विभागीय अधिकारियों ने अधूरे काम पर किया पूरा भुगतान
गोंडा। डॉ राम मनोहर लोहिया 2000 नवीन नलकूप परियोजना के तहत निर्मित नलकूपों में घोटाले की बू आने लगी है। आलम यह कि ऐसे निर्माण किए गए अधूरे लोगों को पूरा दिखाकर उनका पैसा आहरित कर लिया गया है। ठेकेदारों और अधिकारियों की मिलीभगत से जारी इस खेल में न तो सरकार की मंशा फली भूत होती दिख रही है और ना ही इसका लाभ किसानों को मिल पा रहा है। जिससे किसान सिंचाई के साधनों की चिंता में हैरान व परेशान है।
ताजा मामला नलकूप खंड गोंडा से जुड़ा है जहां पर नाबार्ड द्वारा डॉ राम मनोहर लोहिया 2000 नवीन नलकूपों का निर्माण परियोजना का संचालन किया जा रहा है। जिले में इसके तहत विभिन्न चिन्हित स्थानों पर नलकूपों के निर्माण का कार्य चल रहा है। नवीन नलकूपों के निर्माण को लेकर विभागीय अधिकारी खाऊ कमाऊ नीति में जुट गए हैं।
बताते चलें कि इस योजना के तहत मुजेहना विकासखंड के ग्राम पंचायत विशंभर पुर में एक नवीन कूप का निर्माण कार्य कराया गया है। विगत सत्र में प्रस्तावित इस राजकीय नल कूप संख्या 304 जी जी के निर्माण का कार्य पूरा दिखा कर इसका धन विभागीय अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से आहरित कर लिया गया है लेकिन मौके पर अभी निर्माण कार्य आधा अधूरा है। आलम यह कि नलकूप भवन का निर्माण तो कर दिया गया है लेकिन नलकूप के माध्यम से सिंचाई के लिए डाली जाने वाली पाइप लाइन नहीं बिछाई गई है। जिसके चलते अभी किसानों को आगामी बुवाई के सीजन में फिर सिंचाई के लिए तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। इस बात को लेकर किसानों में जहां रोष है वहीं विभाग अधिकारियों को इसके दौरान होने वाली परेशानी से कोई चिंता माथे पर नहीं दिख रही है।
विभागीय अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत को लेकर नलकूप विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार पर किसानों में रोष है। इस बाबत स्थानीय किसानों ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि एक और जहां वैश्विक महामारी में सरकार किसानों के लिए विभिन्न सुविधाओं के होने का दावा कर रही है वहीं पर दूसरी ओर विभागीय अधिकारी इस संक्रमण के अवधि में आधे अधूरे कार्यो को पूरा दिखा कर अपनी जेब भरने में लगे हुए हैं। कोरोना खत्म होने के बाद अनियमितता और भ्रष्टाचार की शिकायत उच्चाधिकारियों से करके जांच की मांग की जाएगी।
इस बाबत विभागीय जे ई सुजीत श्रीवास्तव का कहना है कि नलकूप के निर्माण का कार्य पूरा हो गया है। पाइप अभी नहीं पड़ी है वो भी पड़ जाएगी। लाक डाउन के कारण अभी पाईप नहीं पड़ी है, जिलाधिकारी से इस बाबत अनुमति मांगी लेकिन मिली नहीं। भवन का भुगतान किया गया है पाइप डालने का भुगतान अभी नहीं किया गया है। पाइप और सामान विभाग में पड़ा हुआ है। लाक डाउन के बाद डाला जाएगा।
उन्होंने यह भी बताया कि हम भी बस 2-4 दिन के मेहमान है, मेरा भी ट्रांसफर हो रहा है। काम होगा। जबकि विभाग के एस डी ओ अवशेष कुमार ने फोन रिसीव नहीं किया इसी तरह अधिशासी अभियंता आशीष कुमार जायसवाल का भी सीयूजी नंबर रिसीव नहीं हुआ।
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