– आस-पास किसी से भी भेदभाव न बरतें, बल्कि उत्साह बढ़ाएं ।
– अफवाह न फैलाएं, खुद सुरक्षित रहें-दूसरे को भी सुरक्षित रखें ।
गोंडा। कोरोना (कोविड-19) के खिलाफ चल रही जंग और लाक डाउन के बीच हर किसी को तमाम ऊहापोह की स्थिति से गुजरना पड़ रहा है किन्तु इसका यह मतलब तो नहीं कि हम अपनी पहचान यानि सभ्यता- संस्कृति को भुला दें । इन्हीं विषम परिस्थितियों के बीच ही तो असल में धैर्य और संयम की परीक्षा होती है ।
एसीएमओ डॉ देवराज चौधरी का कहना है कि इस बारे में सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बराबर हिदायतें भी दी जा रही हैं कि इस मुश्किल वक्त में मदद को हाथ बढ़ाने वालों को निशाना न बनाकर उनके प्रति धन्यवाद ज्ञापित करें । ऐसे लोगों को निशाना बनाने से हमारी लड़ाई कमजोर पड़ जाएगी । किसी तरह की अफवाह न फैलाएं बल्कि खुद सुरक्षित रहें और आस-पास सभी को सुरक्षित रखें ।
डॉ चौधरी ने कहा कि कोरोना पर विजय पाने वालों के प्रति किसी भी तरह का भेदभाव व बहिष्कार न करें क्योंकि इससे कोई भी संक्रमित हो सकता है । हालाँकि अधिकतर लोग इससे ठीक हो जाते हैं, ऐसे में रोगी और परिवार को हमारे सहयोग की जरूरत है न कि भेदभाव की ।
भेदभाव को रोकने के लिए क्या करें :
– आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वालों की सराहना और सहयोग करें ।
– सरकारी स्रोतों, स्वास्थ्य मंत्रालय या डब्ल्यूएचओ की प्रामाणिक जानकारी ही साझा करें ।
– किसी भी जानकारी को साझा करने से पहले विश्वसनीय स्रोतों से क्रास चेक कर लें ।
– कोरोना वायरस को मात देने वालों की सकारात्मक कहानियां साझा करें ।
भेदभाव को रोकने के लिए ऐसा न करें :
– संक्रमित व क्वेरेंटाइन में रहने वालों के नाम/पहचान को सोशल मीडिया पर साझा न करें ।
– दहशत फैलाने से बचें, किसी समुदाय या क्षेत्र को कोविड के प्रसार का कारण न बताएं ।
– हेल्थ केयर, सफाईकर्मी या पुलिस को निशाना न बनाएं, वह आपकी मदद के लिए ही हैं ।
– मरीज को कोविड पीड़ित कहने के बजाय कोरोना के विजेता के रूप में संबोधित करें ।
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