गोंडा। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर श्री लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कॉलेज के शोध केंद्र द्वारा आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय वेब संगोष्ठी का आयोजन संपन्न हुआ।
कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि के रूप में प्रोफेसर मनोज दीक्षित कुलपति डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या के द्वारा किया गया। अपने वक्तव्य में उन्होंने नदियों को सदानीरा बनाने, स्वच्छ और निर्मल बनाने के लिए स्थाई प्रबंधन किए जाने पर बल दिया। उन्होंने समग्र विकास के साथ इन विमर्शों के व्यावहारिक प्रतिफलन पर अपने वक्तव्य को केन्द्रित किया और महाविद्यालय के शोध केंद्र को शुभकामनाएं दी।
अध्यक्षीय वक्तव्य में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त अध्यक्ष, भूगोल विभाग डॉ. आर. बी. सिंह ने कहा कि समावेशी विकास के लिए पर्यावरण के सूक्ष्म पहलुओं को समझना जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि मनुष्य का अत्यंत लोभ और उसकी भोगवृत्ति सारी समस्याओं की जड़ है।
गोरखपुर विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रोफेसर एवं अध्यक्ष डॉ एस.एस. वर्मा ने कहा कि कोरोना काल में पर्यावरण और पारिस्थितिकी जिस तरह बेहतर हुई है उसे कैसे बनाए रखा जाए, यह बहुत बड़ी चुनौती है।
डॉ. ए. आर. सिद्दीकी प्रोफेसर एवं अध्यक्ष भूगोल विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने कहा कि भारत को दुनिया के दूसरे देशों के विकास का मॉडल न स्वीकार करके अपना मॉडल स्वयं तैयार करना चाहिए।
गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एवं अध्यक्ष डॉ एस.के. सिंह ने इस अवसर पर श्रमिकों और कामगारों के दर्द को रेखांकित किया।
काशी हिंदू विश्वविद्यालय में भूगोल विभाग के प्रोफेसर डॉ. रविशंकर सिंह ने कहा कि कोरोना महामारी के इस दौर में रामायण और महाभारत सीरियल ने लोगों के मनोबल को मजबूत करने का काम किया है। जब भय, असुरक्षा, तनाव और मनोरोग बढ़ रहे हो, ऐसे समय में हमारी सांस्कृतिक परंपरा हमें अंदरूनी ताकत देती है।
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. वंदना सारस्वत ने अपने शुभकामना संदेश में कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित सहित सभी अतिथि विद्वानों का अभिनन्दन करते हुए शोध केंद्र की इस अकादमिक सक्रियता के लिए शुभकामनाएं दीं।
भूगोल विभाग के अध्यक्ष डॉ. रंजन शर्मा ने कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित, आमंत्रित अतिथि वक्ताओं, प्रतिभागी प्राध्यापकों, शोधार्थियों तथा महाविद्यालय परिवार के सभी सदस्यों का स्वागत किया।
राष्ट्रीय संगोष्ठी का व्यवस्थित संचालन शोध केंद्र के अध्यक्ष डॉ. शैलेंद्र नाथ मिश्र ने किया।
सेमिनार के आयोजन सचिव पूर्व प्राचार्य एवं अध्यक्ष भूगोल विभाग डॉ डी.के. गुप्त ने विषय-प्रवर्तन करते हुए अंत में सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।
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