– जिला चिकित्सालय एवं जिला महिला चिकित्सालय समेत जनपद के समस्त 16 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर बनाया गया कोरोना हेल्प डेस्क ।
– 52 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी जल्द ही शुरू हो जाएंगे कोरोना हेल्प डेस्क ।
गोंडा। कोविड-19 को लेकर शासन व सूबे के स्वास्थ्य महकमे द्वारा तरह-तरह के उपाय व जागरूकता के माध्यम से आमजन को बचाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। इसी के क्रम में महकमे द्वारा एक नयी योजना बनायी गयी है, जिसके तहत जिला चिकित्सालय एवं जिला महिला चिकित्सालय समेत जनपद के समस्त स्वास्थ्य केंद्रों पर अलग से कोरोना हेल्प डेस्क स्थापित किये गये हैं, जहां फ्लू, खांसी व बुखार से ग्रसित लोगों को जांच समेत अन्य कई सेवायें मिल सकेंगी। इससे कोरोना संक्रमितों की समय से पहचान, जांच और इलाज शुरु किये जाने में आसानी होगी।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ देवराज चौधरी ने बताया कि उत्तर प्रदेश सचिव वी हेकाली झिमोमी के निर्देशानुसार कोविड-19 के मरीजों के त्वरित पहचान, जांच और इलाज के लिए बाबू ईश्वर शरण जिला चिकित्सालय, जिला महिला चिकित्सालय समेत समस्त 16 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कोरोना हेल्प डेस्क बनाया गया है तथा 52 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कोरोना हेल्प डेस्क बनाये जाने की प्रक्रिया चल रही है । उन्होंने कहा कि इस डेस्क पर एक साइन बोर्ड लगाया जाएगा, जिसमें इलाज करते हुए एक डॉक्टर को प्रदर्शित करने का काम किया जाएगा, जो दूर से ही सबकों आसानी से दिखाई देगा। इससे स्वास्थ्य केन्द्रों पर आने वाले मरीजों को आसानी से जानकारी मिल जाएगी कि कोरोना हेल्प डेस्क के माध्यम से बुखार से पीड़ित व्यक्तियों की जांच इन्फ्रारेड थर्मामीटर व पल्स ऑक्सीमीटर के माध्यम से किया जा रहा है। हेल्प डेस्क पर सिर्फ फ्लू व बुखार के रोगियों की जाँच इन्फ्रोरेड थर्मामीटर एवं पल्स ऑक्सीमीटर के माध्यम से की जाती है । साथ ही उन्होंने बताया कि मरीजों की सुविधा के लिए सभी हेल्प डेस्क पर एक-एक पैरामेडिकल स्टाफ भी तैनात किये जाएंगे ।
जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबन्धक डॉ आरपी सिंह ने बताया कि सामान्य ओपीडी शुरू होने के बाद सभी तरह के मरीज जांच व उपचार के लिए आ रहे थे। ऐसे में कोरोना हेल्प डेस्क की स्थापना होने से अब फ़्लू व बुखार से पीड़ित मरीजों को अलग से जांच व उपचार मिल सकेगा और इससे कोरोना संक्रमण को कंट्रोल करने में काफी मदद मिलेगी। उन्होंने बताया की पत्र के माध्यम से जिले के सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है कि इन्फ्रारेड थर्मामीटर व पल्स ऑक्सीमीटर के माध्यम से जांच को सुनिश्चित किया जाए व कोविड प्रोटोकॉल के साथ नियमों का पालन किया जाए, जिससे केन्द्र पर आने वाले मरीजों को किसी भी प्रकार की कोई कठिनाई का सामना न करना पड़े।
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