गोण्डा ! कोरोना की दवा कोरोनिल को लेकर विवादों में घिरे बाबा रामदेव पर एक मुसीबत फिर से आन पड़ी है और इस बार मुसीबत महर्षि पतंजलि के नाम का लगातार कई वर्षों से इस्तेमाल करने के कारण आया है। सुप्रीम कोर्ट में वकालत कर रहे गोंडा के रहने वाले एक वकील ने बाबा रामदेव को योग जनक महर्षि पतंजलि के नाम का दोहन करने, व्यवसायीकरण करने और नाम का इस्तेमाल करने के लिए लीगल नोटिस देते हुए कहा है कि नोटिस रिसीव के बाद सात दिन के अंदर अगर जवाब नही मिलता है तो वह कोर्ट की शरण मे जाएंगे।
वकील शिवकुमार त्रिपाठी का कहना है कि जिस तरह बाबा रामदेव ने योग जनक महर्षि पतंजलि के नाम का व्यवसायीकरण किया और उनके नाम का दोहन किया है तो कहीं न कहीं उन पर कार्रवाई होनी चाहिए …. क्योंकि जिस नाम का उन्होंने प्रयोग किया आज उनकी जन्मस्थली जो कि वजीरगंज के कोंडर गांव में है वह पूरी तरह से उपेक्षा का शिकार है। वहां पर रहने वाले साधु संत के बारे में भी कोई पुरूषा हाल नहीं है और न ही बाबा रामदेव ने आज तक कभी महर्षि पतंजलि की जन्मभूमि पर आना मुनासिब समझा है।
वकील शिवकुमार का यह भी कहना है कि नोटिस रिसीव होने के 7 दिन के अंदर अगर उन्हें जवाब नहीं मिलता है तो वह कोर्ट की शरण मे जाकर बाबा रामदेव के खिलाफ पीआईएल दायर करेंगे। उन्होंने अपनी मांग रखते हुए यह भी कहा जिस तरह कई वर्षों से महर्षि पतंजलि के नाम का इस्तेमाल कर बाबा रामदेव ने करोड़ों की अकूत संपत्ति बनाई है तो उसमें से जितना भी प्रॉफिट है उस प्रॉफिट का 50 प्रतिशत शेयर इस कोंडर गांव में बने छोटे से जन्मस्थली पर दें और इस जन्मस्थली को पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करें।