“बंधा का धंधा” कहीं फिर से नही हो गया शुरू
गोण्डा ! प्रदेश के मंत्री जलशक्ति, सिंचाई एवं जल संसाधन, बाढ़ नियंत्रण, लघु सिंचाई, नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग डॉ0 महेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री के निर्देश पर आज देवीपाटन मंडल के बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर एवं गोंडा के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई निरीक्षण किया। हैरानी की बात तो यह रही कि बाढ़ क्षेत्र में बरती जा रही अनियमितता क्या कहे असंवैधानिक कार्य जिस पर सामान्य रूप से मीडिया की निगाह पड़ गई उसपर इतने जिम्मेदार जन प्रतिनिधि की निगाह क्यों नही पड़ी !
आपको अवगत कराना आवश्यक है कि गोण्डा के भिखारीपुर सकरौरा बांध जिसका मरम्मत कराया जा रहा है वहां देश के भविष्य नन्हे नन्हे नॉनिहलों से बाकायदा उन्हें मजदूरी का भुगतान कर मजदूरी कराई जा रही है, इस अत्यंत ही निंदनीय और गैर कानूनी कृत्य को नजरअंदाज करना इस बात को साबित करता है कि दौरा मात्र हवाहवाई ही था, दौरे का मकसद जनता की भलाई से न जुड़ा होकर शायद मंत्री के निजी स्वार्थ या किसी और के स्वार्थ से जुड़ा है, जैसा कि पिछली सरकारों में मंत्रियों के दौरे पर “बंधा का धंधा” नारा आम जनमानस में प्रचलित रहता था !
इतना ही नही कार्यक्रम के पश्चात भी जब मीडिया ने इस कृत्य की ओर मंत्री का ध्यानाकर्षण कराना चाहा तो उन्होंने जो जवाब दिया वो भी इसी ओर इंगित करता है कि मंत्री का ये दौरा जनहित से न जुड़ा होकर मात्र स्वहित से जुड़ा है जिसमे उन्हें किसी भी अनैतिक कृत्य की भी कोई परवाह नही है !
फिलहाल निरीक्षण के उपरान्त मंत्री नेे सर्किट हाउस गोंडा में आयुक्त, डीआईजी, डीएम व अन्य विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक करके जनपद गोंडा में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में की गई तैयारियों, व्यवस्थाओं व कराए जा रहे कार्य आदि के संबंध में विस्तृत समीक्षा की।
बैठक में मंत्री ने कहा कि निरीक्षण के दौरान बाढ़ से संबंधित कोई भी समस्या दृष्टिगत नहीं हुई है। इस वर्ष मानसून पहले आ गया है इसके साथ ही लाॅक डाउन के बावजूद गोंडा जनपद में 3-4 महीने में पूरे होने वाले कार्यों को एक से डेढ़ माह में त्वरित गति से पूरा करके सेफ जोन में लाया गया है। पूरे कार्य की वीडियोग्राफी कराते हुए पूरी पारदर्शिता के साथ कार्य को संपन्न कराया जा रहा है। बैठक में उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि तटबंध के ऊपर अतिसंवेदनशील स्थानों पर कैंप लगाए जाएं और जनरेटर, इमरजेंसी लाइट, हाइलोजन तथा टॉर्च आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।