राष्ट्ीय स्वास्थ्य मिशन की मंशा को धता बताते हुए स्वास्थ्य विभाग का कारनामा
मुजफफरपुर (बिहार)। क्या किसी पैसठ वर्षीय महिला को मात्र चैदह माह में ही आठ बच्चे हो सकते है, आप को यकीन नही होगा, लेकिन बिहार प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग इस कारनामें को कर सकता है जी हां प्रदेश के इस जनपद के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र द्वारा यह कारानामा किया गया है।
मामला कुछ यूं है कि राष्ट्ीय स्वास्थ्य मिशन के तहत धात्री महिलाओं को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि के गबन के लिए यह अनोखा खेल खेला गया है। जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मुशहरी में यह कारनामा 65 वर्षीय महिला लीला देवी के नाम पर किया गया। हैरानी की बात तो यह है कि स्वास्थ्य विभाग के इस अनोखी लीला के बारे में खुद लीला देवी ही अनजान थीं।
मिल रही जानकारियों पर यकीन किया जाये तो प्रोत्साहन राशियों का गबन करने के लिए कर्मचारियों और बिचैलियों ने फर्जी कागजात तैयार कर जमा किया और अन्य कर्मचारियों ने बिना तथ्यों को जांचें सभी फर्जी कागजातों को आगे अग्रसारित कर दिया और घोटाला चलता रहा। यहां यह भी ध्यान देने वाली बात है कि इस तरह का घोटाला मात्र लीला देवी के नाम पर ही नही बल्कि कई और महिलाओं के नाम पर किया गया है जिनका खुलासा जांच के बाद होना सम्भावित है।
पीएचसी, कर्मचारियों, स्वास्थ्य मिशन के अधिकारियों और बैेंककर्मियों की मिलीभगत से दिये गये इस घोटाले पर मुजफफरपुर जिलाधिकारी चन्द्रशेखर सिंेह का कहना है कि जननी सुरक्षा योजना के माध्यम से एक वर्ष में कई महिलाओं के खाते में कई बार पैसे भेजे गये हैं जो स्पष्ट रूप् से घोटाले की ओर इंगित कर रहा है, इसकी जाचं के लिए चार सदस्यीय टीम बनायी गयी है जो 2 दिन मे ंअपनी रिपोर्ट दे देगी, जाचं रिपोर्ट के आधार पर उचित और कडी कार्यवाही की जायेगी।
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