चार पुलिसकर्मी निलबिंत, पुलिस कर रही तस्कर की तलाश
नयी दिल्ली। अमानत में खयानत कहिए या फिर पुलिस विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा, एक तस्कर से बरामद 170 किलों गांजें को मात्र 920 ग्राम बताकर बाकी बचे गांजे को बजार में बेचकर पुलिस कम्र्रियों द्वारा लाखों रूप्ये बनाये गये, मामला खुलने पर आरापी पुलिसकर्मियो ंपर कार्यवाही के बाद मामला दर्ज करने के लिए पुलिस तस्कर की खोज में लग गयी है।
मामला जहांगीर पुरी थाने का है जहंा विगत 11 सितम्बर को थाने के एक हवलदार द्वारा अनिल नाम के एक गाजें के स्मगलर का गिरफतार किया गया, अनिल के पास से कुल 170 किलो गांजा बरामद भी किया गया। हैरानी की बात तो यह हुयी कि हवलदान ने अपने कुछ और सहयोगियों की मदद से गांजे की बरामदगी मात्र 920 ग्राम दिखाई और बाकी के बचे गांजे को बाजार में बेच दिया। बताया जाता है कि इससे पहले बाकी के बचे गांजे केा हवलदार ने मालखाने में ही छुपा दिया था जिसको लेकर मालखाना इंचार्ज से हवलदार का कुछ विवाद भी हुआ था। यहां यह भी ध्यान देने वाली बात है कि पुलिसकर्मियों के इस भ्रष्टाचार और अमानत में खयानत के वाकये की वजह से स्मगलर अनिल को थाने से ही जमानत मिल गयी थी।
इस हैरान करने वाले मामले की जानकारी देते हुए उत्तर पश्चिम जिला पुलिस उपायुक्त विजयंता आर्य ने बताया कि आरोपी पुलिसकर्मियों ने बचे हुए गांजे केा एक अन्य स्मगलर को ही बेच दिया जिससे मिले लाखों रूप्ये को सभी ने आपस मे बांट लिये, इसमें दो उपनिरीक्षक, एक हवलदार, तथा एक सिपाही की मिलीभगत सामने आयी है जिन्हे तत्काल प्रभाव से निलबिंत कर दिया गया है, अब स्मगलर अनिल को तलाश किया जा रहा है कि मामले की पूरी जानकारी कर आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ पर्याप्त कानूनी कार्यवाही का पूरा किया जा सके।