तहसीलों में न्यायालय की स्थापना का विरोध
गोण्डा। जिला वार एसोसिएशन के तत्वावधान में संयुक्त बार एसोसिएशन के पदाधिकिरियो एवं अधिवक्ताओ ने मंगलवार को अध्यक्ष दीनानाथ त्रिपाठी, वीरेंद्र त्रिपाठी एवं महामंत्री मनोज कुमार सिंह,प्रदीप कुमार पाण्डेय के नेतृत्व में समस्त तहसीलों पर मुंसिफ न्यायालय व ग्राम न्यायालय की स्थापना के विरोध मे आक्रोश व्यक्त करते हुये धरना दिया।
इस मौके पर धरना प्रदर्शन देते हुए अपने अपने विचार
व्यक्त किया कि अगर मुंसिफ न्यायालय व ग्राम न्यायालय तहसील मुख्यालय पर ग्राम न्यायालय की स्थापना की जाती है तो वहां पर भी तहसील जैसी व्यवस्था हो जायेगी और गरीबो को सालो -साल न्याय नही मिल पायेगा। वहां पर दबंगो का बोलबाला हो जायेगा, जिससे न्यायपालिका की गरिमा तो गिरेगी ही और साथ ही साथ भष्टाचार की गंगोत्री स्थापित हो जायेगी। किसी भी दृष्टिकोण तहसील स्तर पर ग्राम न्यायालय की स्थापना सही नही होगा।
धरना प्रदर्शन मे दीना नाथ त्रिपाठी अध्यक्ष ने बताया कि जबसे नये डी जे जनपद न्यायधीश के रूप मे आये है तब जनपद के सभी अधिवक्ताओ पर तानाशाह के किरदार मे देखें जा रहे है, पहले उन्होंन वह किया जो पूरे प्रदेश किसी जनपद मे नही लागू हुआ है वह कार्य किया फीस बढ़ोत्तरी करके ,तथा बाद मे अधिवक्ताओ के प्रवेश को लेकर गेट बन्द करने का कार्य किया उसी क्रम मे बढोत्तरी करते हुए जूनियर अधिवक्ताओ के बैठने हेतु टीन सेड निर्माण पर रोक लगाते हुये, अधिवक्ताओ के वाहन को उनके गन्तव्य स्थल तक लाने पर प्रतिबंध लगाया, उसी क्रम न्यायालय मे न्याय प्रक्रिया पर कुठर घात करते हुए नवीन दावो के सुनवाई पर उसी दिन सुनवाई न करते हुए दूसरे दिन सुनवाई कराने की व्यवस्था की जिससे वादकारियो को परेसानी के साथ दो दिन की पैरवी करनी पड रही है,
अपने उसी तानाशाह रवैए को बढाते मुंसिफ न्यायालय को भष्टाचार की जननी कहलाने वाली तहसील मे मुंसिफ न्यायालय को स्थापित कराने का प्रयास जारी किया जा रहा है,
वरिष्ठ अधिवक्ता गोकरन नाथ पाण्डेय ने बताया कि इससे पहले जनपद गोण्डा के तहसील तरबगंज के नाम से मुंसिफ न्यायालय बनाया गया मगर तत्कालीन पीठासीन अधिकारियो ने तहसील की व्यवस्था के मद्देनजर आज तक मुंसिफ न्यायालय की स्थापना नही करायी,
धरना प्रदर्शन स्थल से उपस्थित अधिवक्ताओ ने सभी बिन्दुओं पर विचार वक्तव्य किया। जिसमे मुंसिफ न्यायालय व ग्राम न्यायालय स्थापना के मापदंड पर कानूनी अड़चनों पर ध्यान आकर्षित कराते हुए, जिला मुख्यालय से सभी तहसीलो की दूरी ज्यादा नही है। ग्राम न्यायालय जिला मुख्यालय पर होने से तहसील स्तर के वादकारियो को अपना वाद प्रस्तुत करने मे ज्यादा सुलभता रहेगी, साथ ही जिला मुख्यालय पर न्यायालय की सुरक्षा सम्बन्धित पुख़्ता इंतजाम शासन द्वारा किये गये है, जिस वजह से वादकारियो को न्यायालय मे वाद प्रस्तुत करने मे कोई भय महसूस नही होगा,न ही न्याय करने मे,
इन सभी बिन्दुओं पर ध्यान आकर्षित कराते हुए दोनो बार के पदाधिकारी एवं मुंसिफ न्यायालय व ग्राम न्यायालय स्थापना के विरोध हेतु बाबत बने प्रतिनिधिमंडल ने अपने अपने विचार रखे तथा अगले दिन पुनः इसी तरह इसी समय धरना प्रदर्शन विरोध प्रदर्शन किया जायेगा इस आशय की जानकारी सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विरेन्द्र त्रिपाठी ने किया साथ ही आज के धरना प्रदर्शन मे उपस्थित सभी अधिवक्ताओ का आभार व्यक्त करते हुए , धरना-प्रदर्शन स्थल पर आये पत्रकार बन्धुओ के साथ-साथ पुलिस अधिकारियो के सहयोग के आभार ज्ञापित किया,
आज के धरना-प्रदर्शन का संचालन महामंत्री प्रदीप कुमार पांडेय ने किया तथा महामंत्री मनोज कुमार सिंह ने बताया कि अगर इस आन्दोलन पर जल्दी ही कोई आवश्यक उचित कार्रवाही नही हुई तो वादकारियो व अधिवक्ताओ के हित मे संयुक्त बार एसोसिएशन व्यापक बड़ा आन्दोलन करने पर मजबूर होगा ।
धरना-प्रदर्शन में रविचन्द्र त्रिपाठी,गोकरन नाथ पाण्डेय, रामकृपाल शुक्ल, माधव राज मिश्र, विन्देश्वरी प्रसाद दूबे, राजेश मिश्र, राम बुझारत द्विवेदी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरविन्द कुमार पाण्डेय, उपेन्द्र मिश्र, जमील खां,अनिल सिंह, अशोक तिवारी, विजयप्रकाश त्रिपाठी, कौशल किशोर पाण्डेय, गौरीशंकर चतुर्वेदी, अमर यादव, मनोज मिश्र, चन्द्रमणि तिवारी, राधेश्याम महन्त, राजेश मिश्र, विनय मिश्र, रमेश कुमार दूबे, अनुपम शुक्ल,गिरवर चतुर्वेदी. रजनीश पाण्डेय, रामू प्रसाद, सन्तोष कुमार ओझा , विश्वनाथ सिंह, भगौती प्रसाद पाण्डेय मौजूद रहे,