नयी दिल्ली। दिवालिया होने की कगार पर पहुचं चुकी लक्ष्मी विलास बैकं के जमाकर्ताओं और हजारों कर्मचारियों को आज केन्द्र सरकार ने बडी राहत की खबर दी है। इस बैंक के विलय के प्रस्ताव पर आज केन्द्रीय मंत्रीमण्डल ने मोहर लगाते हुए इसके जमाकर्ताओं सहित हजारों कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित कर दिया है।
बताते चलें कि लक्ष्मी विलास बैंक के लगभग साढे बीस लाख जमाकर्ता और लगभग चार हजार कर्मचारियों के भविष्य पर उस समय सवालिया निशान लग गया जब बेंैंक दिवालिया होने के कगार पर पहुच गयी थी। आज केन्द्रीय मंत्रीमंण्डल की बैठक में इस समस्या को लेकर हुयी चर्चा में निर्णय लिया गया कि लक्ष्मी विलास बैंक का विलय डेवलपमेंड बैंक इण्डिया लिमिटेड मे कर दिया जाये, केन्द्रीय मंत्रीमण्डल के इस निर्णय से जमाकर्ताओं और कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित हो गया है।
भारत सरकार के मंत्री प्रकाश जावडेकर ने आज आयोजित पत्रकार वार्ता में जानकारी देते हुए बताया कि केन्द्रीय मंत्रीमण्डल ने गम्भीर संकट मे ंचल रहे लक्ष्मी विलास बैंक के डेवलेपमेंट बैंक इडियां लिमिटेड में विलय का प्रस्ताव पास कर दिया है इतना ही नही बैंक को एटीसी में एफडीआई की भी स्वीकृत कर दी गयी है।
जवडेकर ने कहा कि इस विलय से लक्ष्मी विलास बैंेक के साढे बीस लाख जमाकर्ताओं सहित चार हजार कर्मचारियेां का भविष्य सुरक्षित हो गया है। उन्होनें यक भी कहा कि भारत सरकार ने आरबीआई को इस बात के निर्देश भी जारी किये है कि जो भी बैकं कुप्रबधंन कर दिवालिया होने के कगार पर पहुचं जाते है उनके दोषियो ंपर कार्यवाही और उन्हें सजा भी होनी चाहिए।
यहां यह भी बताना आवश्यक है कि भारत सरकार का यह कदम कोई पहला नही है इससे पहले भारत सरकार ने मुश्किल में फंसे यस बैंक के कर्मचारियों और जमाकर्ताओं को भी इसी तरह की राहत उस समय दी थी जब वह डूबने के कगार पर पहुच गया था। सरकार ने उस समय यस बैंक को स्टेट बैंक का सहारा देकर उबारा था।