पुर्तगाल। पहले से ही विश्व के कई हिस्सों में कोरोना वैक्सीन को लेकर उठाये जा रहे सवालो ंको उस समय बल मिल गया जब वैक्सीन लगवाने के 48 घंटे के अन्दर ही एक स्वास्थ्यकर्मी की सदिग्घ परिस्थितियों में मौत हो गयी। लगायी गयी वैक्सीन फायजर की बतायी जा रही है।
देश में चलाये जा रहे वैक्सीन कार्यक्रम के तहत विगत 30 दिसम्बर को पोर्तुगीज इन्टीच्यूट आफ आन्कोलाजी के पोर्टो मे ंपीडियाट्क्सि विभाग में कार्यरत 41 वर्ष की सोनिया एसेवेदों को भी वैक्सीन दी गयी थी, डेलीमेल में प्रकाषित खबर के अनुसार नये वर्ष के पहले दिन उसकी मौत हो गयी। खबर मे ंबताया गया है कि सोनिया को फायजर की वैक्सीन दी गयी थी, दो बच्चो की मां सोनिया के पिता अबिलियो एसेवेदो ंने एक पुर्तगाली अखबार से बात करते हुए कहा है कि सोनिया पूरी तरह से ठीक थी उसे किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्या नही थी। उन्होनें कहा है कि सोनिया मे कोरोना के भी लक्षण नही थे मैं नही जानता कि आखिर हुआ क्या लेकिन मुझे जवाब चाहिए। मुझे यह जानना है कि किस कारण से मेरी बेटी की मौत हुयी है।
वही जिस अस्पताल में सोनिया को वैक्सीन दी गयी थी उसने इस बात की पुष्टि भी की है कि उसे फायजर की वैक्सीन दी गयी थी लेकिन सोनिया की ओर से वैक्सीन के किसी भी तरह के दुष्परिणाम की सूचना नही दी गयी थी। सोनिया के पिता ने बताया कि नये वर्ष की सुबह उन्होनें साथ में नाश्ता किया था उसके बाद सेानिया घर से बाहर निकली और फिर वापस नही आयी वही सोनिया की बेटी ने बताया कि उसकी मां कह रही थी कि जहां वैक्सीन लगायी गयी है वहां थोडा थोडा दर्द हा रहा है।
फिलहाल सोनिया की मौत के कारणों की जांच जारी है लेकिन फायजर की वेक्सीन को लेकर उठाये जा रहे सवालो ंमें एक सवाल और जुड गया जो कम्पनी और उसकी वैक्सीन की पूर्णता ओैर सार्थकता पर प्रश्नचिन्ह लगा रहा है।