चिकित्सक सहित तीन निलंबित, जांच के आदेश
यवंतमाल (महाराष्ट्)। यू ंतो यदा कदा स्वास्थ्यकर्मियों की कई लापरवाहियां सामने आती रहती हैं जिससे आम लोगांें के लिए मुश्किलें बढने के साथ कभी कभी उनकी जान पर भी बन आती है। लेकिन यह मामला इस मायने मे ंखास है कि पोलियो वैक्सीन पर इस तरह के निशान बने होते है जिनसे यह आसानी से पता चल जाता है कि ये वैक्सीन हैं फिर स्वास्थ्यकर्मियों की इस चूक कैसे हुयी यह एक बडा सवाल बन गया है।
मामला यवतमाल जिले के कापसिकोरी गावं का है जहां चल रहे पोलियो अभियान के तहत बच्चों को टीकाकरण किया जाना था, इसी क्रम में स्वास्थ्यकर्मियों की एक टीम गावं में पहुचाी थी और उन्होनंे बच्चों को पोलियो ड्ाप देना आरम्भ किया। टीम ने गांव में 12 बच्चो को ड्ाप दिया। रविवार को दिये गये पोलियो ड्ाप की जगह सेनेटाइजर का पता सोमवार को तब चला जब बच्चों की तबीयत बिगडने लगी और उन्हे अस्पताल में भर्ती कराया गया। बताया जा रहा है कि जिन बच्चों को पोलियो ड्ाप की जगह सेनेटाइजर दिया गया उनके नाम भावना अर्क, आस्था मेश्राम, निशा मेश्राम, माही मेश्राम, प्राची मेश्राम, राधिका मेश्राम, वेदांत मेश्राम, हर्ष मेश्राम, तनूज मेश्राम तथा योगश्री गेदाम हैं, इन सभी बच्चों की उम्र पाचं वर्ष से कम हैं।
घटना पर क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने रोष व्यक्त करते हुए कहा है िकवे इस मामले को स्वास्थ्य मत्रंी के सामने उठायेगें। वही जिला ंपचायंत के सीईओ श्रीकृषण पांचाल ने बताया कि बच्चों को उल्टी और बैचेनी की शिकातय आ रही थी उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है जहंा विषेशज्ञ डाक्टरेां की टीम उनकी चिकिक्ता कर रही है। साथ ही उन्होनंें की गयी कार्यवाही के बारे मे बताया कि टीम में मौजूद चिकित्सक, आंगनबाडी कार्यकत्री तथा आशा कार्यकर्ता को निलबिंत कर दिया गया है तथा इनके विरूद्व जांच के भी आदेश दे दिये गये है।
सीईओ ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि यह एक बहुत ही बडी लापरवाही है पोलिया वैक्सीन की बोतल पर वायरल के चिन्ह बने होते है जिनका रंग भी अलग होता है ऐसे मेें यह लापरवाही हुयी कैसे कि पोलिया वैक्सीन की जगह सेनेटाइजर पिला दिया गया। जाचं मे ंइन पहलुओं की भी जाचं की जायेगी कि कही इस टीम को प्रशिक्षण दिया गया था या नही।