सृजन, पालन व संहार पर कदम पर महिलाओं का योगदान
लोकतांत्रिक व्यवस्था परिवर्तन में महिलाओं का नेतृत्व आवश्यक
विक्रमजोत (बस्ती)। सृष्टि के सृजन से विश्व के पालन व संहार तक प्रत्येक कार्य मे सरस्वती, लक्ष्मी व काली आदि के रूप नारी शक्ति का सदैव बड़ा योगदान रहा है व आज भी लोकतांत्रिक व्यवस्था परिवर्तन में नारी शक्ति को सामने आकर अपना योगदान देने की आवश्यकता है।
विश्व महिला दिवस पर पीडब्ल्यूएस परिवार की मुख्य संरक्षिका श्रीमती इंदुमती देवी पाण्डेय ने उपरोक्त विचार रखते हुए नारी शक्ति का आह्वान करते हुए उन्हें पीडब्ल्यूएस परिवार के देवालय-शिक्षालय महाअभियान से महाक्रान्तिकारी परिवर्तन लाकर प्रत्येक निर्धन बेसहारा को समुचित सहायता उपलब्ध कराने में योगदान की अपेक्षा की है।
वहीं पीडब्ल्यूएस परिवार की संरक्षिका श्रीमती सुधा भरद्वाज ने कहा कि महिलाओं को स्वतंत्र व अनुशासित एवं मर्यादित तरीके सामने आकर सामाजिक परिवर्तन व विकास हेतु अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देने की जरूरत है।
संस्था की अध्यक्षा मनीषा पाण्डेय ने सामाजिक परिवर्तन हेतु सभी नागरिकों को रक समान उत्तम शिक्षा हेतु नारी शक्ति के योगदान का आह्वान किया जबकि छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्षा नविता शर्मा ने महिलाओं को जागरूक होकर अपने अस्तित्व को पहचानने व समाजहित, जनहित एवं राष्ट्रहित में कार्य करने हेतु प्रेरित किया है।
प्रयागराज महिला अध्यक्षा कल्पना मिश्रा ने महिलाओं को अपने घरेलू कार्यों की जिम्मेदारी के साथ समाजहित व राष्ट्रहित में चिंतन करते हुए संगठन के देवालय-शिक्षालय महाअभियान में जुड़कर बेहतर कार्य करने के लिए प्रेरित किया।