अरवल्ली (गुजराज)। जहां एक तरफ महिलाओ के आपत्तिजनक पहनावें पर देश भर मे बहस जारी है वही दूसरी ओर एक इसी मामले पर एक पहल करत हुए देश के इस प्रसिद्व मन्दिर ने पारम्पिरिक पहनावे मे न आने पर श्रद्वालुओं के मन्दिर मे प्रदेश पर रोक लगाने का फरमान जारी कर दिया हैं।
जिले मे ंस्थित देश के प्रसिद्व मन्दिर शामलाजी विष्णू मन्दिर ने अपने प्रवेश द्वार पर इस फरमान से सम्बधिंत एक बोर्ड भी लगा दिया है जिसमे ंइस बात का उल्लेख किया गया है कि ‘‘दर्शन के लिए आने वाले सभी भाइयांें बहनों से विनती है कि छोटे कपडे और बरमूडा पहनकर आने वालों को मन्दिर में प्रवेश नही मिलेगा। इसलिए पारम्परिक पहनावे में ही मन्दिर में आये ओर मास्क पहनना भी अनिवार्य होगा’’
यहां यह भी बताना आवश्यक है कि शामलाजी विष्णू मन्दिर लगभग 2000 वर्ष पूराना है। यह मन्दिर पवित्र मेशवों नदी के किनारे पर स्थित हे। बताया जाता हेै कि इस मन्दिर का नामकरण भगवान विष्णू के आठवे अवतार भगवान श्री कृष्ण के श्यामल स्वरूप् पर किया गया है। इसे मात्र गुजरात ही नही बल्कि देश के प्रमुख मन्दिरो ंमें स्थान मिला हुआ है।
मन्दिर के ट्स्ट ने अपने इस आदेश के बाद भी आने वाले श्रद्वालूओ के सुविधा के लिए इस बात की भी व्यवस्था की है कि यदि कोई व्यक्ति प्रतिबध्ंिात पहनावे मे ंआ ही जाता है तो भी उसे दर्शन से वचिंत न होना पडे। ट्स्ट ने बताया कि ऐसे लोगों के लिए पारम्पिरिक पहनावे की व्यवस्था मन्दिर प्रशासन द्वारा की गयी है जिन्हें पहन कर वह मन्दिर मे प्रवेश कर सकते हैं। प्रशासन महिलाओं के लिए लंहगें तथा पुरूषो के लिए धोती और पीताम्बर की व्यवस्था करेगा जो उन्हें दर्शन करने तक के लिए उपलब्ध कराये जायगे।