राजयोगिनी ह्रदय मोहिनी की श्रधांजलि सभा का था आयोजन
परसपुर (गोण्डा) सोमवार को श्रद्धांजलि देकर दादी ह्रदय मोहनी जी को याद करते हुए , दादी जी के आदर्शों पर चलने का भाई बहिनों ने संकल्प लिया।
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय
परसपुर के प्रांगण में एक श्रद्धांजलि सभा आयोजन करके संस्था की प्रमुख राजयोगिनी ह्रदय मोहिनी दादी जी को भावपूर्ण विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए
भाई बहनों ने दादी जी के जीवन आदर्शों को आत्मसात करने पर बल दिया, भाई बहिनों ने अपने – अपने विचार रखे,
ब्रम्हा कुमारी अनामिका बहन ने दादी जी के जीवन चरित्रों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि दादी जी बहुत ही शान्त स्वभाव और अल्प भाषी सोंच की थीं, दादी जी कभी क्यों क्या और कैसे के क्वेश्चन मार्क में नहीं आतीं थीं, दादी जी का जन्म 1जुलाई 1928 को भारत के सिंध प्रांत के कराची में हुआ था, जो देश के बंटवारे के बाद पकिस्तान के हिस्से में चला गया, दादी जी आठ वर्ष की उम्र में ही ध्यान तपस्या करते हुए परमात्म पालना के पात्र बन गईं थीं ।
दादी जी, संस्था की मुख्य प्रशासिका थीं ” जिनका 93वर्ष की आयु में देहावसान महाशिवरात्रि के दिन 11मार्च 2021 की सुबह 8.40 बजे मुम्बई के सैफई हास्पीटल में हो गया था , जिनके पार्थिव शरीर को एयर एंबुलेंस से आबू पर्वत पर स्थित मुख्यालय पर लाया गया , जहां ज्ञानसरोवर में उनका दाह-संस्कार किया गया था। दादी जी को विश्व भर के 145 देशों में संचालित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के सेवा केन्द्रों पर आज भोग लगाया ,तत्पस्चात् आये हुए भाई एवं बहिनों को प्रसाद स्वीकार कराया गया।
उक्त अवसर पर, ब्रम्हाकुमारी एंजल बहन, बी0के0 अनूप भाई, बी0के0 शंकर भाई, बी.के सुनील भाई, विंध्याचल तिवारी, विशाल श्रीवास्तव, बन्दना माता, सुषमा माता, मन्जू माता, मन्ना बहन, कोमल बहन, सुन्दरपती माता, मिथलेश माता, आदि लोग उपस्थित रहे।
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