लखनउ। मकान मालिक ओैर किरायेदारों मे होने वाले विवादो को समाप्त करने की दिशा में पहल करते हुए प्रदेश की योगी सरकार ने सदन मे ंएक अध्यादेश पेश किया है जिसे स्वीकार भी कर लिया गया है। इस अध्यादेश के मुताबिक अब न तो बिना अनुबंध्ंा किये कोई भी मकानमालिक न तो किरायेदार को रख सकता है ओर न ही उससे मनमाने तरीके से किराया ही वसूल सकता है। माना ये जा रहा है िकइस अध्यादेश के कानूनी रूप् लेने के बाद किरायेदार मकानमालिक मे होने वाले विवादो ंपर काफी हद तक विराम लग सकेगा।
मगलवार को प्रदेश के मुख्यमत्रंी योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश नगरीय परिसर किरायेदारी विनियमन द्वितीय अध्यादेश 2021 को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजरी दे दी है। इस अध्यादेश के पहले तक प्रदेश में जो अधिनियम लागू था वह मकान मालिक और किरायेदार के बीच होने वाले विवाद को सुलझााने मे ंप्रर्याप्त रूप् से सक्षम नही था जिसके कारण इन दोनों के बीच होने वाले विवादों की संख्या काफी ज्यादा था ओैर कोर्ट का ज्यादातर समय इन विवादों को सुलझाने मे ंव्यतीत होता था। इन्ही समस्याओं को दूर करने के लिए योगी सरकार ने मोजूदा कानून का समाप्त कर एक नया कानून लाने का निर्णय लिया जिससे इस तरह के विवादों पर विराम लगाया जा सके।
नये अध्यादेश पर जानकारी देते हुए प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि नये कानून से मकान मालिक और किरायेदार दोनों के हितों को संरक्षित करने ओर उन्हें बनाये रखने में काफी सहुलियत मिलेगी। इसके बाद भी अगर इन दोनों मे ंकिसी भी स्थिति मे ंविवाद उत्पन्न होता है तो उसका निस्तारण रेटं अथारिटी एवं रेंट ट्ाइव्युनल के तहत किया जायेगा। इनमें अधिकतक दो माह में इस तरह के वादो को निस्तारित किया जायेगा।