40 से अधिक संत अब तक पाये जा चुके हैं कोरोपा पजिटिव
देहरादून। हरि की नगरी हरिद्वार में चल रहे आस्था के महाकुभं पर भी कोरोना ने अपना काली छाया डाल दी है, पिछले दिनों महामण्डलेश्वर की मौत ने कुंभ की व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाने आरम्भ भी कर दिये हैं। आश्चर्य तो इस बात का है कि दो दिनेा पहले हुयी महामण्डलेश्वर की मौत को प्रशासन ने दो दिनों तक छुपा कर रखा। इतना ही नही कुंभ मे ंआये लगभग चालीस से भी अधिक संत पहले ही कोरोना पाजिटिव आ चुके है लेकिन फिर भी शासन ने व्यवस्था में कोई भी बदलाव नही किया जो उन पर सवालिया निशान लगा रहे है।
गुरूवार को देहरादून के कैलाश अस्पताल में भर्ती श्री पंच निर्वाणी अखाडे के वृद्व महामण्डलेश्वर कपिल दास की मौत ने चल रहे आस्था के महाकुभं की व्यवस्थाओं पर सवलिया निशान लगाने आरम्भ कर दिये है। कुभ में शामिल हुए चालीस से भी अधिक संतो ंके कोरोना पाजिटिव आने और महामण्डलेश्वर की मौत को दो दिनों तक छुपाये रखने की हरकत ने प्रशासन सहित शासन को भी कटघरे में खडा कर दिया है।
बताया जा रहा है कि महामण्डलेश्वर कपित देव दास की तबीयत खराब होने पर उनके अनुनायियों ने विगत 12 अपै्रल को देहरादून के कैलाश अस्पताल मेें भर्ती कराया था जहा अगले दिन रात लगभग साढे दस बजे महामण्डलेश्वर की मृत्यू हो गयी। प्रशासन ने महामण्डलेश्वर के अनुनायियो ंको उनका शव तो सोंप दिया जिसे लेकर वह उनके मध्यप्रदेश स्थित आश्र्रम चले गये परन्तु जिला प्रशासन सहित अस्प्ताल प्रशासन ने भी इस खबर को दा दिनों तक छुपाये रखा।