गोण्डा। जहंा एक तरफ प्रदेश या फिर केन्द्र सरकार के महिला कर्मचारियों के गर्भवती होने की दशा में अनेकों सुविधओं के साथ साथ उन्हें भरपूर छुटटी भी मिलती हैं वही दूसरी ओर जब इस तरह का समाचार सामने आये जिसमें गर्भवती होने के कारण नौकरी से ही हाथ धोना पड जाये तो हैरानी होना स्वाभाविक हैं।
हैरान करने वाली यह खबर गोण्डा के जिला अस्पताल से आ रही है। मिल रही जानकारी के अनुसार यहां के कोविड अस्पताल में कार्यरत चार महिला नर्सो को इसलिए उनकी सेवा से मुक्त कर दिया गया क्योकि वह गर्भवती हेा गयी थी। बताया जा रहा है कि इन नर्सो की नियुक्ति पिछले वर्ष उस समय की गयी थी जब नये भवन को कोविड अस्पताल घोषित किया गया था। उस दोैरान निविदा पर अन्य कर्मचारियो के साथ साथ सीमा द्विवेदी, प्रियंका जान, लक्ष्मी ंिसह तथा प्रियंका आनन्द को भी नियुक्ति मिली थी।
आश्चर्य की बात तो यह है कि जैसे ही जिला अस्पताल प्रशासन को इस बात की जानकारी मिली कि ये नर्से गर्भवती हो गयी है उनके सेवा से मुक्ति का फरमान जारी कर दिया गया। हालाकिं अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डा0 घनश्याम सिंह कहना है कि सेवा मुक्ति का यह आदेश उच्चधिकारियों से मिले निर्देष के बाद दिया गया है।
अपनी इस तरह से नौकरी जाने पर आक्रोशित नर्सो का कहना है कि इस समय जब उन्हें आर्थिक और मानसिंक सहयोग की सबसे ज्यादा जरूरत है तब उनके साथ इतना गन्दा मजाक किया जा रहा है। इस समय उन्हें मातृत्व अवकाश सहित अन्य सुविधाओं को दिया जाना चाहिए तों उन्हें सेवा से ही निकाल दिया गया। पीडितों का यह भी कहना है कि नियुक्ति के दौरान उनसे इस तरह की कोई शर्त भी नही रखी गयी थी जबकि सभी को यह मालूम है कि हम स्त्री है और कभी न कभी गर्भवती तो होगें ही। यदि उन्हें हमारे साथ ऐसा ही करना था तो सेवा की शर्तो में इसे जोड दिया जाता तो शायद उन्हें इस समय इतनी पीडा नही होती।