लखनऊ ! कई वर्षों से लखनऊ के शिक्षक प्रमोशन ना होने के कारण प्रोन्नत वेतनमान तथा वार्षिक वेतन वृद्धि अनियमितता पूर्ण लगाने और उसके शेष भुगतानो की प्राप्ति न होने से परेशान हैं। अनियमितता के शिकार हजारों शिक्षक जो जनपद में नियुक्त है उनके साथ अनियमितता है ।
फरवरी 2009 के नियुक्त शिक्षकों को सुनिश्चित कैरियर प्रोन्नयन के अंतर्गत द्वितीय स्तरोन्नयन प्राप्त हुआ है, उन्हें जुलाई माह में वेतन वृद्धि नहीं दी जा रही है, जबकि कनिष्ठ अगस्त और अक्टूबर 2009 की नियुक्ति शिक्षक चयन वेतनमान इंक्रीमेंट दोनों का जुलाई में लाभ प्राप्त कर रहे हैं। लखनऊ जनपद में कई ब्लॉक के फरवरी 2009 की नियुक्त के सैकड़ो शिक्षक वेतन विसंगति का सामना कर रहे हैं। फरवरी 2009 के नियुक्त शिक्षक अपने बाद नियुक्त शिक्षकों से कम वेतन प्राप्त कर रहा है जो कि वेतन विवरण में एक बड़ी अनियमितता को उजागर करता है।
संज्ञानित करना है कि संगठन की लखनऊ इकाई द्वारा तथा अन्य संगठनों द्वारा भी कई बार वित्त एवं लेखा अधिकारी लखनऊ का ध्यान आकर्षित करने के बावजूद भी इस समस्या का कोई निस्तारण नहीं किया गया है। उक्त शासनादेशों के निर्देशों के अनुपालन में अन्य जनपदों बरेली, लिलतपुर, फतेहपुर, मैनपुरी, झांसी, हरदोई, गोरखपुर, औरैया इत्यादि में नियमानुसार एक वेतन वृद्धि आगणित कर चयन वेतनमान निर्धारण की कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है। विगत 3 दिसंबर 2020 को राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ लखनऊ मंडल के द्वारा लखनऊ में व्याप्त इस वेतन विसंगति से अवगत कराते हुए मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक के समकक्ष पत्र रखा गया था अभी तक इसमें कुछ भी समुचित कार्यवाही नहीं की गई है।
जनपद लखनऊ में शासनादेशानुसार मूल नियम 22 (बी) (1) के तहत विकल्प की व्यवस्था अनुसार माह जुलाई में वार्षिक वेतन वृद्धि आगणित चयन वेतनमान का निर्धारण करने और अनियमितता को दूर करते हुए शेष वेतन भुगतान किए जाने हेतु वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा लखनऊ को करने का आग्रह किया। वित्त एवं लेखा अधिकारी के दफ्तर में लखनऊ के शिक्षक बाबू के चक्कर लगाने को मजबूर हैं क्योंकि साथ ही में कुछ शिक्षकों के समान तिथि को नियुक्ति होने के बावजूद अपने ही साथियों से कम वेतन पा रहे शिक्षा परेशान है और वह एन केन प्रकारेण चलने वाले इस शोषण को रोकने के लिए विभिन्न अधिकारियों से समय-समय पर प्रार्थना कर चुके हैं। अधिकारी दफ्तर पर राज्य सरकार बेहद इमानदारी से अपना काम करने के बावजूद शिक्षकों के प्रति होने वाले अपने ही वेतन की अनियमितता को दूर कराने के लिए भ्रष्टाचार के चंगुल में फंसने से नहीं रोक पा रहे हैं।
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के मंडल अध्यक्ष महेश मिश्रा , कार्यकारी अध्यक्ष रीना त्रिपाठी महामंत्री डॉ श्वेता महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष रुचि अरोड़ा, लखनऊ के अध्यक्ष अनुराग राठौर , संगठन मंत्री आशीष मिश्रा,धर्मेंद्र सिंह महमूदाबाद ब्लाक के महामंत्री पुनीत वर्मा ने ज्ञापन सौंपकर अनियमितता शीघ्र दूर किए जाने हेतु ध्यान आकर्षित किया और शिक्षकों के प्रति हो रही इस अनियमितता पर अपनी घोर आपत्ति जताई।