डीएम ने ऐली-परसौली व सोनौली मोहम्मदपुर तटबंध का किया औचक निरीक्षण
मरम्मत कार्य अधोमानक व धीमा मिलने पर डीएम ने बाढ़ खण्ड के अधिकारियों को लगाई फटका
तय समय सीमा में गुणवत्तापूर्ण कार्य पूरा न हुआ तो तय होगी जवाबदेही-डीएम
गोण्डा ! यूं तो प्रतिवर्ष जिले में तैनात जिलाधिकारी तटबंधों का निरीक्षण करते है और मीडिया की सुर्खियों में बने रहने के लिए इसी तरह का रटा रटाया बयान भी जारी करते है जैसा कि वर्तमान डीएम मार्कण्डेय शाही ने सोमवार को जारी किया ! उन्होंने निरीक्षण में कहा कि यदि लापरवाही के चलते तटबंध को नुकसान हुआ या तटबंध कटा तो ठेकेदार सहित अधिकारियों को भी जेल भेजा जाएगा !
सवाल यहां यह उठता है कि इसी तरह की चेतावनी प्रतिवर्ष दी जाती है और लगभग प्रतिवर्ष तटबंध कटता है जिसमे भारी मात्रा में जनहानि, धनहानि होती है लेकिन आज तक किसी भी अधिकारी या ठेकेदार को जेल नही भेजा गया ! अब देखना यह है कि इस बार कार्यवाही के मामले में अपनी एक अलग छवि बना चुके जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही क्या तटबंध के कटने पर अपनी कार्यशैली और बयान को सम्मान देते हुए जिम्मेदारों को जेल भेजते हैं या पूर्व के जिलाधिकारियों के नक्शे कदम पर ही चलते हुए बयान वीर ही साबित होंगे ?
फिलहाल जिलाधिकारी ने एडीएम राकेश सिंह के साथ तहसील तरबगंज अन्तर्गत घोड़हन ऐली-परसौली तटबंध तथा सोनौली मोहम्मदपुर तटबंध के मरम्मत कार्य का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान डीएम को मरम्मत कार्य संतोषजनक नहीं मिला। डीएम ने मौके पर ही उपस्थित जेई बाढ़ खण्ड अमित पाण्डेय को कड़ी फटकार लगाई तथा तय समय सीमा के अन्दर कार्य पूरा होने पर कार्य कर रही फर्म को ब्लैक लिस्ट करने तथा बाढ़ खण्ड के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की चेतावनी दी है।
बताते चलें कि डीएम ने सोमवार को ऐली-परसौली तटबंध के मरम्मत कार्य का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण में मरम्मत कार्य बेहद धीमा पाया गया। यह भी पाया गया कि दिन-रात काम कराने के निर्देशों के बावजूद सिर्फ दिन में ही कार्य कराया जा रहा है। जेई द्वारा बताया गया कि मौके पर पांच जनरेटर तथा दो सौ मजदूर लगाकर मरम्मत कार्य दिन-रात कार्य कराया जाता है। डीएम ने जब जनरेटर चेक किए तो मौके पर पांच की जगह मात्र दो जनरेटर मिले, वह भी निष्क्रिय अवस्था में रखे हुए थे तथा मजदूरों की संख्या भी बेहद कम मिली।
कार्यस्थल पर सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए गए हैं। तटबंध की मरम्मत में प्रयोग की जा रही शीट भी अधोमानक पाई गई। गौरतलब है कि तटबंध पर किलोमीटर 17.5 से लेकर किलोमीटर 18 तक तथा किलोमीटर 11 व 12 पर मरम्मत कार्य कराया जा रहा है। तटबंध के मरम्मत का कार्य मानक अनुरूप व समयबद्ध न मिलने पर नाराज डीएम ने सख्त चेतावनी दी है कि यदि लापरवाही के कारण बंधा कटा तो निश्चित की ठेकेदार व बाढ़ खण्ड के अधिकारियों को जेल भेजने की कार्यवाही की जाएगी।
बाढ़ तैयारियों के बारे में डीएम ने बताया कि संभावित बाढ़ के दृष्टिगत जिला प्रशासन द्वारा तैयारियां शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि 1464 मजरों के 37153 परिवारों के लगभग दो लाख लोग बाढ़ से प्रभावित होते हैं। अनुमानित संख्या के अनुसार बाढ़ खण्ड व आपदा प्रबन्धन सहित अन्य सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों को पूरी तैयारी सुनिश्चित कराने के निर्देश दे दिए गए हैं। उन्होंने अपर जिलाधिकारी को निर्देश दिए हैं कि बाढ़ चैकियों को सक्रिय करने केसाथ ही स्टाफ की तैनाती तथा अन्य सम्बन्धित विभागों के साथ समन्वय बनाकर रणनीति बना लें।
निरीक्षण के दौरान अपर जिलाधिकारी राकेश सिंह, तहसीलदार तरबगंज पैगाम हैदर, नायब तहसीलदार धर्मेन्द्र कुमार, एसओ उमरी करूणाकर पाण्डेय तथा बाढ़ खण्ड के जेई अमित पाण्डेय उपस्थित रहे।