हटाया गया भ्रष्ट कर्मचारी, विभागीय जाचं शुरू
लखनउ। अब इसे आपदा मे अवसर कहें या फिर आदत की मजबूरी, हर सरकारी कर्मचारी अपने अपने स्तर से आम जनता को चूना लगाने में लगा हुआ है। सरकारी कर्मचारियों के भ्रष्ट आचरण की लत इतनी भी बढ चुकी है िकवे यह भी नही देखतेे कि वह जिस व्यक्ति से वसूली कर रहे है आखि रवह है कौन। कुछ इसी तरह का मामला उस समय सामने आया जब नगर निगम मे कार्यरत एक कर्मचारी ने मृत्यू प्रमाण पत्र बनवाने पहुचें भाजपा पार्षद के कार्यालय सहायक से ही अवैध वसूली कर ली। हालाकि मामला सामने आने के बाद भ्रष्ट कर्मचारी केा अपने पद से हटा दिया गया है ओैर विभागीय कार्यवाही किये जाने की बात कही जा रही है।
मामला नगर निगम के जोन संख्या छह का है। बताया जा रहा है कि भाजपा के पार्षद और पार्षद दल के मुख्य सचेतक विजय गुप्त ने अपने कार्यालय सहायक को कुछ लोगो के मृत्यू प्रमाण पत्र बनवाने के लिए नगर निगम कार्यालय भेजा था जहा पर सम्बधिंत बाबू ने उनसे निर्धारित फीस के स्थान पर अधिक राशि की वसूली कर ली। हैरानी तो इस बात की हुयी कि कार्यालय सहायक ने जब यह बताय िकवह पार्षद की ओर से आया है तब भी सम्बधिंत बाबू ने वसूली करने में कोई कोर कसर नही की।
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पार्षद विजय गुप्त ने जोनल अधिकारी को दी गयी शिकायत मे बताया है कि कोरेाना सक्रमण के दौरान तमाम लोगो की मौत हुयीं। इसमे कई लोग ऐसे थे जिनके घर मे कोई प्रमााणपत्र बनवाने वाला ही नही था ऐसे मे उन्होनं अपने कार्यालय प्रतिनिधि को नगर निगम कार्यालय मे भेज प्रमाण पत्र बनवाना चाहा जहंा पर कार्यरत अवधेश पाण्डेय नाम के बाबू ने उनसे निर्धारित फीस से बहुत ज्यादा राशि वसूल ली।
पार्षद विजय गुप्त ने बताया कि बाबू ने उनके प्रतिनिध से एक प्रमाणपत्र के 300 रूप्ये मांगे जबकि निर्धारित फीस मात्र 20 रूप्ये ही है। जब उनके प्रतिनिधि ने बताया कि उसे पार्षद ने भेजा है तो बाबू ने कहा कि ठीक है तो 100 रूप्य के हिसाब से दे दो। इस तरह उसने पांच प्रमाण पत्र के लिए 500 रूप्ये वसूल लिये है।
मामले पर जोनल अधिकारी प्रज्ञा सिंह ने बताया कि बाबू को काम से हटा दिया गया है तथा उसके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दे दिये गये है।