निविदा पर काम कर रही महिला कर्मी ने ही की थी हत्या
चेन्नई (तमिलनाडु)। पैसे की तंगी आदमी को क्या क्या करने को विवश कर देती है। इसका ताजा उदाहरण इस मामले से हो रहा है। मात्र पांच सौ रूप्ये इस महिला स्वास्थ्यकर्मी के लिए इतनी बडी रकम हो गयी थी कि उसे कोरोना मरीज की हत्या तक करनी पडी। लगभग दो सप्ताह बाद कोरोना मरीज की सड़ी हुयी लाश मिलने के मामले में बडा खुलासा हुआ है।
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ज्ञात हो कि चेन्नई के राजीव गांधी अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीज की लगभग पन्द्रह दिनो ंबाद अस्पताल के आठवी मंजिल पर सडी हुयी अवस्था में लाश मिली थी। पुलिस ने इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि मरीज की हत्या अस्पताल मे ही निविदा पर काम करने वाली स्वास्थ्यकर्मी रति देवी ने की थी। रतिदेवी पिछले तीन वर्षो से इस अस्पताल मे काम कर रही थी। पुलिस ने बताया कि पूछताछ ओैर जांच मे इस बात का पता चला कि रतिदेवी को मृतका को आखिरी बाद व्हीलचेयर से लेकर जाते हुए देखा गया था। जानकारी के आधर पर पुलिस ने जब रतिदेवी के घर पर छापा मारा तो वहा से मृतका का मोबाइल भी बरामद हुआ।
रतिदेवी ने बताया िकवह विधवा है वह अपने 22 वर्ष के एक बेटे तथा बेटी के साथ रहती है। रतिदेवी ने अपना गुनाह स्वीकार करते हुए बताया कि उसे पैसे की बहुत ही सख्त जरूरत थी और उसने मरीज के बैग मे पांच सौ का नोट भी देख लिया था जिसे चुराने के लिए ही मरीज की हत्या कर उसके शव को आठवी मजिंल पर छुपा दिया था।
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