लखनऊ ! राष्ट्रिय शैक्षिक महासंघ के मण्डल लखनऊ के पदाधिकारी वेतन विसंगति को लेकर वित्त नियंत्रक से मिले। जनपद लखनऊ में चयन वेतनमान अनिमितता वा बीमा मुद्दों पर महेश मिश्रा के नेतृत्व में वार्ता हुई।
रीना त्रिपाठी ने अवगत कराना कि जनपद लखनऊ में माह फरवरी 2009 में नियुक्त अध्यापक जिनको वर्ष
2019 में चयन वेतनमान देय है। चयन वेतनमान के पश्चात उनकी वार्षिक वेतन वृद्धि बिना विकल्प लिए जानवरी कर दी गयी है।
जिस कारण उनका वेतन जुलाई 2009 में नियुक्त और जुलाई 2019 में चयन वेतनमान प्राप्त अध्यापको से कम हो रहा है।जिस कारण माह जनवरी से जून 2009 के बीच नियुक्तअध्यापकों का वेतन उनको चयन वेतनमान मिलने के पश्चात उनसे कनिष्ठ माह जून से दिसंबर 2009 में नियुक्त अध्यापकों से कम प्राप्त हो रहा है।
माह जनवरी से जून 2009 के बीच नियुक्त अध्यापकों को शासनादेश संख्या
3/2020/वे0आ0-2-258/दस/2020-04(एम)/2016 दिनाँक 13 अप्रैल 2020 में निहित प्रावधान के अनुसार
अपने चयन वेतनमान के साथ विकल्प देने की अनुमति देने का कष्ट करें जिससे कि उनसे कनिष्ठ अध्यापकों का वेतन वरिष्ठ अध्यापक से अधिक ना हो तथा वेतन विसंगति समाप्त हो सके। जिस पर वित्त नियंत्रक ने कहां की वेतन विसंगति के संबंध में लेखा परीक्षक के द्वारा शासनादेशों का परीक्षण कराकर शीघ्र निर्णय दिया जाएगा।
मंडल अध्यक्ष महेश मिश्रा ने कहा की शिक्षक के वेतन से प्रतिमाह कटने वाले 87 रूपए की बीमा राशि जो की बीमा और बचत के नाम पर कटती थी 2014 से एलआईसी ने बीमा से मना कर दिया है उसको शीघ्र रोका जाए और कटा हुआ पैसा वापस किया जाए।
वित्त नियंत्रक ने शासन स्तर की वार्ता करके कटौती रुकने की व्यवस्था शीघ्र होगी का आश्वासन दिया।
वित्त नियंत्रक ने चयन वेतन मान विसंगती के मुद्दे पर लेखा अधिकारी लखनऊ द्वारा मांगे गए मार्गदर्शन पर निर्देश दे दिए है सरलीकरण हेतु स्पष्ट निर्देश शीघ्र जारी करेंगे।
वार्ता में लखनऊ मण्डल अध्यक्ष महेश मिश्रा, कार्यकारी अध्यक्ष रीना त्रिपाठी, जिला अध्यक्ष प्रयागराज कामतानाथ, महामंत्री प्रयागराज रामआसरे सिंह उपस्थित रहें।