मध्य प्रदेश शिक्षा

भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के वैज्ञानिक दे रहे महाराजा महाविद्यालय के छात्रों को प्रशिक्षण

भूविज्ञान के लिए देश की सर्वोच्च संस्था है भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण 

विभागाध्यक्ष डॉ ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह के प्रोत्साहन और जीएसआईटीआई हैदराबाद व रायपुर के सौजन्य से 4 लेक्चर सीरीज से विद्यार्थी हुए लाभान्वित

छतरपुर (मध्यप्रदेश)।शासकीय महाराजा महाविद्यालय छतरपुर के भूगर्भशास्त्र विभाग द्वारा विभाग के विद्यार्थियों को भूविज्ञान के लिए कार्यरत देश की सर्वोच्च संस्था भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के वरिष्ठ भूवैज्ञानिकों द्वारा ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

विभागाध्यक्ष डाॅ ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह के प्रोत्साहन से विभाग के स्नातक और स्नातकोत्तर के विद्यार्थियों ने भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण प्रशिक्षण संस्थान हैदराबाद और रायपुर के सौजन्य से आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के उपलक्ष्य में आयोजित किए जा रहे 4 ऑनलाइन प्रशिक्षणों में बड़ी संख्या में नामांकित होकर और प्रशिक्षण प्राप्त कर लाभ उठाया है।

इस दौरान विभाग के स्नातक और स्नातकोत्तर के विद्यार्थियों ने जीएसआईटीआई हैदराबाद के सौजन्य से 10 से 12 जून 2021 को ‘फंडामेंटल ऑफ जिओलॉजिकल मैपिंग’ विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण फील्ड ट्रेनिंग सेंटर रायपुर के सौजन्य से 29 जून को एक दिवसीय प्रशिक्षण में ‘भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण व भूवैज्ञानिक फील्ड वर्क करने पर महत्वपूर्ण जानकारी’ विषय पर और जीएसआईटीआई हैदराबाद के सौजन्य से 9 जुलाई को ‘संरचनात्मक भूविज्ञान के मूल सिद्धांत’ विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण में शामिल होकर भूवैज्ञानिकों के अनुभवों को सीखकर लाभ उठाया।

विभाग के विद्यार्थियों ने 19 और 20 जुलाई 2021 को भारतीय प्रशिक्षण संस्थान हैदराबाद के सौजन्य से ‘हिमालय भूविज्ञान’ विषय पर आयोजित होने वाले दो दिवसीय प्रशिक्षण में भी शामिल होने बड़ी संख्या में रजिस्ट्रेशन किया है। विद्यार्थियों को सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूर्ण कराने में विभाग के प्रोफेसर डॉ पी के जैन और अतिथि विद्वान ज्योति त्रिपाठी व राहुल ताम्रकार द्वारा महत्वपूर्ण सहयोग दिया जा रहा है। वहीं विभाग के विद्यार्थियों अश्विन बेहेरे, काजल खरे, विजय चौरसिया, उमा मजुमदार, सुरेन्द्र कुमार, करन अहिरवार सहित सभी विद्यार्थियों ने इन महत्वपूर्ण और ज्ञानवर्धक प्रशिक्षणों को भूवैज्ञानिकों के अनुभव को सीखने का सुनहरा अवसर बताते हुए कहा कि इससे उन्हें अपने भूविज्ञान के विषय को आसानी से गहराई से समझने में मदद मिली और छतरपुर जिले में हीरा, तांबा, सीसा, माॅलिब्डेनम, राॅक फाॅस्फेट, डोलोमाइट खनिजों के अमूल्य भंडारों और अन्य कई भूवैज्ञानिक तथ्यों को भी जाना।

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राजेंद्र सिंह

राजेंद्र सिंह (सम्पादक)

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