गाजियाबाद। पार्टी विद डिफरेंस का नारा बुलंद करने वाली भारतीय जनता पार्टी को शायद अब इस नारे को अपनी लिस्ट से निकालना ही पड जायेगा। क्योंकि भाजपा जैसे जैसे दूसरी पार्टियों के नेताओं को अपने में समाहित करती जा रही है भाजपा का कल्चर समाप्त होता जा रहा है। विगत की कुछ घटनाओं की तरह यह ताजा मामला भी है जिसमें वर्चुवल बैठक के दौरान ही दो कार्यकर्ताओं में जमकर लात घूसे चले, यह मामला इतना बढ गया कि पुलिस में शिकायत तक करनी पडी। फिलहाल मिल रही जानकारी के अनुसार हाईकमान ने भी मामले की जानकारी मंांगी है।
घटना उस समय घटी जब भाजपा के प्रदेश कार्यकारिणी की वर्चुअल बैठक का आयोजन किया गया था जिसमें गाजियाबाद के उन सभी कार्यकर्ताओं को भाग लेना था जो प्रदेश कार्यकारिणी में शामिल है। बैठक पार्टी के नेहरू नगर स्थित कार्यालय पर आयेाजित थी। बताया जा रहा है बैठक के दौरान पार्टी के प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य पृथ्वी सिंह तथा पवन गोयल के मध्य शहर विधानसभा को लेकर कुछ चर्चा चल रही थी जिसमे पूर्व विधायक प्रशांत चैधरी ने भी शामिल होने की कोशिश की जिस पर पवन गोयल ने उन्हें कहा कि तुम्हे बीच मे बोलने की आवश्यकता नही है।
ब्ताया जा रहा है पवन गोयल के इतना कहते ही पूर्व विधयक प्रशांत चैधरी ने उन्हे जातिसूचक अपशब्द बोल दिये जिस पर मामला भडक गया और दोनांें सारी मर्यादा भूलकर आपस मे गुत्थमगुत्था हो गये। मामला हाथापाई से बढकर मारामारी तक पहुच गया और प्रशांत चैधरी ने पवन गोयल की जमकर पिटाई कर दी।
कुछ देर तक चले इस हंगामें मे ंजब अन्य नेताओ ने हस्तक्षेप किया तब जाकर मामला किसी तरह शांत हुआ। मारपीट मे गम्भीर रूप् से घायल पवन गोयल को लोहिया नगर स्थित गायत्री हास्पिटल मे ंभर्ती कराया गया। मामला वैश्य बिरादरी के सम्मान से जुडा होने के चलते मिल रही जानकारी के अनुसार पवन गोयल के भाई मनीष गोयल न सिहानी गेट थाने में पूर्व विधायक प्रशांत चैधरी के विरूद्व जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी है। वही प्रशात चैधरी के विरोध में मामले केा राजनैतिक रंग देते हुए वैश्य समाज के अन्य लोग अस्पताल परिसर मे ही धरने पर बैठ गये है जिनका कहना है कि जब तक प्रशांत चैधरी के विरूद्व पार्टी स्तर से कार्यवाही नही होती तब तक वैश्य समाज आन्दोलन रत रहेगा।